
मिरा-भाईंदर। नीति आयोग के उद्यम मंच के माध्यम से मिरा-भाईंदर महानगरपालिके के फराळ सखी- “अवॉर्ड टू रिवॉर्ड” उपक्रम का दूसरा प्रशिक्षण सत्र 17 जनवरी 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस पहल को केंद्र सरकार के नीति आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है, और इसके अंतर्गत 25 महिलाओं को फराळ सखी के रूप में चुना गया था, जिनके प्रशिक्षण की शुरुआत 9 जनवरी 2025 से हुई थी। मिरा-भाईंदर महानगरपालिका के आयुक्त और प्रशासक संजय काटकर (भा.प्र.से) ने बताया कि इस उपक्रम का उद्देश्य महिलाओं को दीर्घकालिक उद्योग, रोजगार और बाजार में स्थान दिलाना है। फराळ सखी पहल के तहत महिलाएं व्यावसायिक रूप से फराळ बनाने और उसे बेचने के लिए प्रशिक्षित की जा रही हैं, और इसके लिए महानगरपालिका ने एक अलग व्यवस्था स्थापित की थी। इस उपक्रम को नागरिकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है और महिलाओं ने 3 टन खाद्य पदार्थों की बिक्री की थी। इस चार दिवसीय प्रशिक्षण में व्यवसाय प्रबंधन, मार्केटिंग- ब्रांडिंग, वित्तीय प्रबंधन, निवेश, व्यावसायिक ऋण, खाद्य उद्योग से संबंधित कानून, पैकेजिंग, वितरण आदि विषयों पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को यह समझ में आएगा कि व्यवसाय कैसे संचालित किया जाता है, उसकी गुणवत्ता को कैसे बढ़ाया जाता है, और फराळ सखी को एक ब्रांड के रूप में कैसे स्थापित किया जा सकता है।
दूसरे सत्र में वित्तीय और पत प्रबंधन- निवेश और व्यवसाय ऋण विषय पर डिजिटल अकाउंटिंग क्लब के संस्थापक सीए कुणाल कुमार और सीए पिटर रिचर्ड ने प्रशिक्षण दिया। कुमार ने व्यवसाय के वित्तीय प्रबंधन के बारे में जानकारी दी, जिसमें व्यवसाय का बजट कैसे बनाना, कम जोखिम वाले निवेश विकल्प, सरकारी योजनाएं, और कर्ज लेने की प्रक्रिया सहित कई अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाया। सत्र में जीएसटी, आयकर और लघु उद्योगों के लिए लागू होने वाले कानूनी मुद्दों पर भी विस्तृत जानकारी दी गई।आयुक्त संजय काटकर ने कहा कि इस प्रशिक्षण से महिलाओं को व्यवसायिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। उनका विश्वास है कि भविष्य में फराळ सखी एक प्रमुख ब्रांड बनेगा और ये महिलाएं सफल उद्यमी के रूप में स्थापित होंगी।