
मुंबई। नाशिक-त्र्यंबकेश्वर में 2027 में अगस्त से नवंबर तक होने वाले सिंहस्थ कुंभमेले में देशभर की धार्मिक परंपराओं का दर्शन कराने के लिए नाशिक के पास एक विशाल ‘महाकुंभ’ तैयार किया जाए। इस महाकुंभ में देश और राज्य के मंदिरों, तीर्थस्थलों और सांस्कृतिक धरोहरों को दर्शाया जाएगा, जहां श्रद्धालु इनका दर्शन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस संबंध में अपने निर्देश दिए। मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथीगृह में कुंभमेले के आयोजन से संबंधित बैठक हुई, जिसमें कुंभमेले की तैयारी और पूर्वचर्चा पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्यमंत्री ने कुंभमेले में यातायात व्यवस्था, भीड़ नियंत्रण, साधुग्राम, नदियों और उपनदियों के शुद्धीकरण, पायाभूत सुविधाओं, और अन्य आवश्यक विकास कार्यों का आकलन किया। मुख्यमंत्री ने नाशिक को वैश्विक मंच पर लाने के लिए, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कुंभमेले का ब्रांडिंग करने का निर्देश दिया और नाशिक-त्र्यंबकेश्वर धार्मिक कॉरीडोर की स्थापना करने की बात कही, जिससे नाशिक को ‘धार्मिक हब’ के रूप में विकसित किया जा सके। उन्होंने प्रयागराज की तर्ज पर सुरक्षित कुंभमेले के आयोजन की योजना बनाने की भी बात की। साथ ही, उन्होंने गोदावरी नदी के किनारे विकास और नाशिक में प्रमुख मंदिरों के पास रहने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने नाशिक में 8 से 10 हेलिपैड बनाने की बात भी कही और इगतपुरी से नाशिक के रास्ते को चौड़ा करने के लिए कहा। इसके साथ ही, रिंग रोड, शिर्डी, मुंबई, और छत्रपति संभाजी नगर से आने वाली सड़कें अद्यतन करने की दिशा में भी कदम उठाए जाने की योजना बनाई गई। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा के लिहाज से पुलिस विभाग से कुंभमेले के दौरान सुरक्षा की व्यवस्था का आकलन किया और सीसीटीवी, बैरिकेडिंग, सार्वजनिक ध्वनिक्षेपण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस कुंभमेले के आयोजन से संबंधित विभिन्न समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए। उन्होंने साधुग्राम में वृक्षों की कटाई के बिना साधु निवास की व्यवस्था करने और कुंभमेले के दौरान पानी की स्वच्छता बनाए रखने की बात की। उन्होंने प्रसाधन गृहों की पर्याप्त संख्या और जलपर्णी के लिए स्थायी उपायों की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस बैठक में जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, अन्य विभागीय सचिव, नाशिक के जिला अधिकारी, महानगरपालिका आयुक्त और पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे।