नासिक। नासिक लोकसभा सीट को लेकर महायुति की दरार अब भी नहीं सुलझी है। फिलहाल महायुति ने नासिक लोकसभा क्षेत्र के लिए किसी भी उम्मीदवार के नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। सबसे पहले लोकसभा के लिए एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल के नाम पर चर्चा हुई। लेकिन वह पीछे हट गए। भुजबल के पीछे हटने के बाद भी ऐसा लग रहा था कि गठबंधन में दरार सुलझ जाएगी। लेकिन अभी भी इस जगह की दरार सुलझ नहीं पाई है। अब एक बार फिर इस संसदीय क्षेत्र में बड़ा उलटफेर हो गया है। छगन भुजबल ने नासिक लोकसभा क्षेत्र से नाम वापस ले लिया है, लेकिन उनके वफादार सहयोगी दिलीप खैरे ने आवेदन दाखिल कर दिया है, जिससे हलचल मच गई है। दिलीप खैरे के लिए यह एप्लीकेशन दिलीप खैरे के भाई अंबादास खैरे ने खरीदी है। महायुति के कुछ नेताओं को लगा कि छगन भुजबल को मराठा समुदाय से काफी विरोध का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, भुजबल चुनाव से हट गए क्योंकि वह अपनी उम्मीदवारी की घोषणा करने वाले थे। लेकिन अब जब दिलीप खैरे ने अपनी उम्मीदवारी पेश कर दी है तो चर्चा शुरू हो गई है कि भुजबल को ही उम्मीदवार बनाया जाएगा। एक तरफ उम्मीदवारी के लिए शिवसेना नेता एमपी हेमंत गोडसे और अजय बोरस्ते के नाम की भी चर्चा हो रही है। लेकिन दूसरी ओर अब दिलीप खैरे ने अपनी उम्मीदवारी दाखिल कर दी है। इसलिए यह देखना अहम होगा कि नासिक से महायुति का उम्मीदवार कौन होगा।