पुणे। पुणे जिले की अदालत ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) सेवा की प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर की मां मनोरमा खेडकर को 20 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। पुलिस ने मनोरमा को भूमि विवाद को लेकर बंदूक दिखाकर कुछ लोगों को धमकाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मनोरमा को रायगढ़ जिले के महाड स्थित एक लॉज से आज सुबह पकड़ा गया जहां वह छिपी हुई थी। पुलिस के मुताबिक, मनोरमा को रायगढ़ से पुणे के पौड पुलिस थाना लाया गया और औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया गया। एक अधिकारी ने बताया कि मनोरमा को स्थानीय अदालत में पेश किया गया जहां से उन्हें 20 जुलाई तक पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया। दरअसल, एक वीडियो सामने आया था जिसमें मनोरमा पुणे के मुलशी तहसील के धडवाली गांव में भूमि विवाद को लेकर कुछ लोगों को कथित तौर पर बंदूक दिखाकर धमकाती नजर आ रही थीं। इसके बाद से पुलिस मनोरमा और उनके पति दिलीप खेडकर की तलाश में जुटी थी। पुणे (ग्रामीण) में पौड पुलिस ने खेडकर दंपति और पांच अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा-323 (बेईमानी या धोखाधड़ी से संपत्ति हटाना या छिपाना) सहित अन्य धाराओं और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पुणे (ग्रामीण) के पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने इससे पहले बताया था, ‘‘मनोरमा खेडकर को रायगढ़ जिले के महाड से हिरासत में लिया गया और उन्हें पुणे लाया गया, जहां औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी मनोरमा, उनके पति दिलीप और पांच अन्य लोगों का पता लगाने के लिए कई टीम गठित की गई थीं। पूजा खेडकर आईएएस परीक्षा के समय दिए गए दिव्यांगता और ओबीसी प्रमाण पत्र को लेकर सवालों के घेरे में हैं। पुणे कलेक्टर कार्यालय में तैनाती के दौरान किए गए आचरण को लेकर भी उनके खिलाफ जांच की जा रही है। विवाद के बीच सरकार ने मंगलवार को खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया और उन्हें 23 जुलाई तक लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में रिपोर्ट करने को कहा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पुणे की भ्रष्टाचार रोधी इकाई को शिकायत मिली है जिसमें पूर्व सरकारी कर्मचारी और पूजा के पिता दिलीप खेडकर के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले में खुली जांच करने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि एसीबी की नासिक इकाई पहले ही उनके खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच कर रही है। इसलिए पुणे की भ्रष्टाचार रोधी इकाई ने मुख्यालय से नयी शिकायत को भी पूर्व की शिकायत से जोड़ने या नये सिरे से जांच को लेकर व्यवस्था मांगी है।