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मुंबई। मोदी सरकार 3.0 के कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार शपथ ली है। इस कैबिनेट विस्तार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सभी दलों को शामिल किया गया है, लेकिन एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) से किसी को भी कैबिनेट मंत्री का पद नहीं मिला है। एनसीपी के नेता अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि उनकी पार्टी को राज्य मंत्री का पद दिया जा रहा था, जबकि वे कैबिनेट मंत्री का पद मांग रहे थे। एनसीपी से दो सांसद हैं – प्रफुल्ल पटेल राज्यसभा में और सुनील तटकरे लोकसभा से। दोनों ने मंत्री पद के लिए दावा ठोका है, लेकिन कोई आम सहमति नहीं बन सकी। बीजेपी आलाकमान ने एनसीपी से पहले पार्टी में इस बात को लेकर नाराजगी को दूर करने के लिए कहा है। प्रफुल्ल पटेल का कहना है कि वह पहले भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं और उन्होंने राज्य मंत्री बनने के प्रस्ताव को मना कर दिया। उनका दावा है कि पार्टी में कोई मतभेद नहीं है और वे सभी साथ हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन के नियमों का पालन करेगी और कैबिनेट मंत्री पद के लिए इंतजार करने को तैयार है। अजित पवार ने भी प्रफुल्ल पटेल की बातों की पुष्टि की और कहा कि उनकी पार्टी को राज्य मंत्री का पद दिया जा रहा था, लेकिन वे कैबिनेट मंत्री का पद मांग रहे हैं। एनसीपी के पास फिलहाल एक लोकसभा और एक राज्यसभा सांसद हैं और जल्द ही दो और राज्यसभा सांसद होंगे। इसलिए, वे कैबिनेट मंत्री पद की मांग कर रहे हैं और इस पर इंतजार करने को तैयार हैं।