
मुंबई। मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) का बहुचर्चित चुनाव, जो 12 नवंबर को होना है, अब कानूनी पेचीदगियों में उलझ गया है। एमसीए की कार्यकारिणी समिति के पूर्व सदस्य श्रीपाद हाल्बे और अन्य सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया को चुनौती देते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया है। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए 155 से अधिक क्रिकेट क्लबों को मतदाता सूची में अवैध रूप से जोड़ा गया है। उनका कहना है कि इस कदम से चुनाव की निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मंगलवार को जस्टिस रियाज़ छागला और फरहान दुबाश की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए एमसीए के चुनाव अधिकारी को निर्देश दिया कि वह योग्य उम्मीदवारों की अंतिम सूची प्रकाशित करने में जल्दबाज़ी न करें। कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि “अगले निर्देश तक यथास्थिति (स्टेटस को) बनाए रखी जाए।” अब इस मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी, जब कोर्ट चुनाव प्रक्रिया को लेकर आगे के निर्देश दे सकता है। याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, चुनाव अधिकारी ने उनकी आपत्तियों को बिना किसी कारण बताए 24 अक्टूबर को उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी कर दी। उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि चुनाव अधिकारी को अपनी निर्णय प्रक्रिया का विस्तृत स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। वहीं, चुनाव अधिकारी ने अदालत को बताया कि 17 से 20 अक्टूबर के बीच प्राप्त सभी आपत्तियों की सावधानीपूर्वक समीक्षा की गई थी और उम्मीदवारों की सूची उसी के आधार पर जारी की गई। अधिकारी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि निर्णयों के कारणों का विस्तृत विवरण याचिकाकर्ताओं को उपलब्ध कराया जाएगा। एमसीए का यह चुनाव खासा हाई-प्रोफाइल माना जा रहा है, क्योंकि इसमें कई राजनीतिक हस्तियों की सक्रिय भागीदारी है। प्रमुख उम्मीदवारों में बीजेपी के प्रसाद लाड, एनसीपी (शरद पवार गुट) के जितेंद्र आव्हाड और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के मिलिंद नार्वेकर शामिल हैं। इसके अलावा, राज्य के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक के बेटे विहंग सरनाइक ने भी नामांकन दाखिल किया है। मौजूदा एमसीए अध्यक्ष अजिंक्य नाइक और पूर्व भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान डायना एडुल्जी भी महत्वपूर्ण पदों के लिए मैदान में हैं। एडुल्जी इस चुनाव में एकमात्र पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं, जिससे पहले से ही चर्चित यह चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है।




