
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता हसन मुश्रीफ के वकील ने प्रवर्तन निदेशालय को एक अनुरोध प्रस्तुत किया जिसमें उनके मुवक्किल को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होने के लिए और समय देने की मांग की गई है. ईडी ने कोल्हापुर स्थित चीनी सहकारी समिति से संबंधित कथित अनियमितताओं की जांच के तहत धन शोधन मामले में एनसीपी विधायक को तलब किया था, जिससे उनके बेटे कथित रूप से जुड़े हुए हैं.
ईडी ने हसन मुश्रीफ को भेजा समन
ईडी ने हसन मुश्रीफ को समन भेजा है. मुश्रीफ का तर्क है कि बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले साल ही अनुसूचित अपराध मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी थी. मुश्रीफ ने सोमवार को ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, अनुसूचित अपराध से संबंधित विधेय प्राथमिकी को रद्द करने और मामले में उनके खिलाफ किसी भी कठोर कार्रवाई पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है. ईडी ने बयान दर्ज करने के लिए मुश्रीफ को तलब किया था. एजेंसी ने शनिवार को उनके कोल्हापुर स्थित घर की तलाशी लेने के बाद यह बात कही. तलाशी के समय पूर्व मंत्री घर पर नहीं थे.
कोल्हापुर के सर सेनापति संताजी घोरपड़े चीनी कारखाने में 40 करोड़ रुपये के कथित डायवर्जन के लिए पूर्व श्रम मंत्री पर पिछले दो महीनों में शनिवार का तीसरा छापा था, जो कथित तौर पर उनके परिवार और रिश्तेदारों द्वारा चलाया और नियंत्रित किया जाता है.
कौन हैं हसन मुश्रीफ?
हसन मुश्रीफ एनसीपी के मौजूदा विधायक हैं. वह कोल्हापुर जिले के कागल विधानसभा क्षेत्र का नेतृत्व करते हैं. मुश्रीफ को पश्चिमी महाराष्ट्र में एनसीपी के प्रमुख मुस्लिम चेहरे के रूप में जाना जाता है. कोल्हापुर जिले की राजनीति में उनका दबदबा है. हसन मुश्रीफ को गठबंधन सरकार के दौरान मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने श्रम मंत्री का पद संभाला था. 2014 का विधानसभा चुनाव भी उन्होंने मोदी लहर में जीता था. उन्हें भाजपा द्वारा पार्टी में शामिल होने की पेशकश भी की गई थी, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.