
मुंबई। महाराष्ट्र के समुद्री तटों पर पारंपरिक लकड़ी की नावों की जगह अब हल्की और तेज रफ्तार फाइबर बोट के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। इससे मछुआरों और नाव मालिकों की आय में वृद्धि होगी और उनकी आर्थिक प्रगति संभव हो सकेगी। यह जानकारी मत्स्य व्यवसाय और बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने विधान परिषद में दी। सदस्य मिलिंद नार्वेकर द्वारा उठाए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री राणे ने कहा कि राज्य में वर्षों से लकड़ी की नावों का उपयोग हो रहा है, लेकिन इनकी गति धीमी होने के कारण फेरे कम लगते हैं, जिससे मछुआरों की आय सीमित रहती है। इसके समाधान के रूप में सरकार फाइबर बोट के उपयोग को प्रोत्साहित करेगी। सरकार नई फाइबर बोट खरीदने के लिए नाव मालिकों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की योजना बना रही है, जो मुंबई बैंक के सहयोग से दी जाएगी। इसके अलावा, सहकारी बैंकों के साथ-साथ निजी और राष्ट्रीयकृत बैंकों से भी सहयोग लिया जाएगा, ताकि इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया जा सके। मंत्री राणे ने बताया कि इस पहल से न केवल मछुआरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि तटीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। चर्चा के दौरान भाई जगताप, शशिकांत शिंदे और सचिन अहिर जैसे सदस्य भी उपस्थित रहे। इसके अलावा, नीलकमल नाव दुर्घटना मामले में नौसेना, पुलिस और बंदरगाह विभाग की जांच जारी है। मंत्री राणे ने आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी