Monday, June 17, 2024
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अदालत ने चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद मुंबई में शराब बिक्री की अनुमति दी

मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चार जून को लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा हो जाने के बाद मुंबई में शराब की बिक्री की अनुमति दे दी। न्यायमूर्ति एन आर बोरकर और न्यायमूर्ति सोमशेखर सुंदरेशन की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि मुंबई शहर (क्षेत्र) में होटल, रेस्तरां, बार और ‘परमिट रूम’ (रेस्तरां का ऐसा हिस्सा जहां शराब परोसने की अनुमति होती है) में शराब की ब्रिकी पर शहर के जिलाधिकारी द्वारा लगायी गयी पाबंदी चुनाव के परिणाम की घोषणा के बाद निष्प्रभावी हो जाएगी। अतिरिक्त सरकारी वकील ज्योति चव्हाण ने पीठ को बताया कि मुंबई जिले (उपनगर) के जिलाधिकारी ने चार जून को शुष्क दिवस घोषित करने से संबंधित पिछली अधिसूचना को संशोधित करते हुए पहले ही ही एक पत्र जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि लेकिन मुंबई शहर के जिलाधिकारी ने ऐसा कोई संशोधन जारी नहीं किया है। तब पीठ ने कहा कि (मतलब) मुंबई के उपनगर के लोग परिणाम की घोषणा के बाद शराब पी सकते हैं लेकिन शहर के लोग नहीं पी सकते हैं? उच्च न्यायालय ‘इंडियन होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन’ की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। एसोसिएशन ने मुंबई शहर एवं मुंबई जिला (उपनगर) द्वारा चार जून को शुष्क दिवस घोषित करते हुए जारी किये गये आदेशों को चुनौती दी है। याचिकाओं में अनुरोध किया गया है कि चुनाव परिणाम की घोषणा हो जाने के बाद शराब की बिक्री की अनुमति दी जाए। याचिकाओं के मुताबिक एसोसिएशन ने अप्रैल में मुंबई शहर के जिलाधिकारी और मुंबई जिला (उपनगर) के जिलाधिकारी से संपर्क कर उनसे चार जून को, पूरे दिन को शुष्क दिवस घोषित करने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार का अनुरोध किया था। लेकिन जिलाधिकारियों ने कहा था कि ऐसा कोई पुनर्विचार नहीं किया जा सकता है क्योंकि ये आदेश निर्वाचन आयोग के निर्देशों पर जारी किये गये थे। याचिकाओं में दावा किया गया है कि एसोसिएशन के सदस्य अपना कारोबार करने के लिए राज्य सरकार को लाइसेंस शुल्क के रूप में भारी रकम का भुगतान करते हैं जबकि ऐसे कई अवैध शराब निर्माता और कारोबारी हैं जो मुंबई में अवैध शराब के साथ-साथ विदेशी शराब और बीयर बना रहे हैं और बेच रहे हैं। एसोसिएशन ने कहा कि जब भी अधिकृत शराब दुकान या प्रतिष्ठान विभिन्न कारणों से बंद हो जाते हैं तब ये अवैध धंधे फलते-फूलते हैं क्योंकि ऐसा धंधा करने वाले आधिकारिक रूप से शराब उपलब्ध नहीं होने का फायदा उठाते हुए अवैध एवं नकली शराब बेचकर अनुचित मुनाफा कमाते हैं। याचिकाओं में अनुरोध किया गया कि जिलाधिकारियों के आदेशों में संशोधन किया जाए एवं स्पष्ट किया जाए कि प्रतिष्ठानों को पूरे दिन के बजाय, चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद अपना धंधा करने की अनुमति होगी।

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