Friday, December 6, 2024
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भाजपा का २८ साल पुराना किला ढहा

पुणे के कसबा सीट से महाविकास अघाड़ी के रवींद्र धंगेकर की जीत

पुणे। महाराष्ट्र विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनावों का नतीजे गुरुवार को आ गया। पुणे की कसबा और चिंचवड सीटों को भाजपा के मजबूत किले के तौर पर पहचाना जाता रहा है। चिंचवड़ में तो कुछ अप्रत्याशित नहीं हुआ। लेकिन पुणे की कसबा सीट में एक नया इतिहास लिखा गया है। चिंचवड़ में भाजपा की अश्विनी जगताप जीत गई हैं। पुणे के कसबा में कांग्रेस के रवींद्र धंगेकर ने बीजेपी के २८ साल पुराने किले को फतह कर लिया है। रवींद्र धंगेकर ने ११ हजार ४० मतों के अंतर से यह जीत हासिल की है। रवींद्र धंगेकर को कसबा सीट पर ७३१९४ वोट मिले और बीजेपी के हेमंत रासने ६२२४४ वोट लेकर दूसरे स्थान पर रहे। चिंचवड़ में दिवंगत विधायक लक्ष्मण जगताप की पत्नी अश्विनी जगताप भाजपा के टिकट से लगभग ५७ हजार से ज्यादा मत हासिल कर चुकी हैं और वे महाविकास आघाड़ी के संयुक्त उम्मीदवार एनसीपी के नाना काटे से करीब दस हजार मतों से आगे हैं। चिंचवड़ में बीस राउंड में से सोलह राउंड के वोटों की गिनती हो चुकी है।
भाजपा का २८ साल पुराना किला ढहा
महाविकास अघाड़ी के रवींद्र धंगेकर ने भाजपा के २८ साल से अपराजेय माने जाने वाले पुणे के कसबा के किले को ढहा दिया हैं। हम आपको बता दें कि रवींद्र धंगेकर बाइक से चलते हैं, कार से नहीं। कभी सिनेमा देखने वे थिएटर नहीं गए। दरअसल कई बार उनके दोस्तों ने उन्हें पिक्चर का टिकट लाकर दिया लेकिन जनता के कामों में इतने मशरुफ रहते हैं कि उन्हें तीन घंटे का समय निकालना वक्त की बर्बादी लगती है।
रवींद्र धंगेकर को कसबा का चप्पा-चप्पा जानता है
रवींद्र धंगेकर नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे होकर कांग्रेस में पहुंचे हैं। वे इस बार महाविकास आघाड़ी की ओर से संयुक्त उम्मीदवार थे। किसी वक्त में वे शिवसेना में थे। फिर राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस में आए और उनके बेहद करीबी माने जाते थे। मनसे में रहते हुए वे चार बार नगरसेवक बने। इसलिए कसबा का चप्पा-चप्पा उन्हें जानता है। यहां उन्होंने काफी विकास के काम किए।

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