11 पुलिस कर्मी सस्पेंड, गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद लिया गया फैसला
नई दिल्ली
दिल्ली के कंझावला एक्सीडेंट मामले में गृह मंत्रालय (एमएचए) की सिफारिश पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को 11 पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान उनकी कथित लापरवाही के लिए निलंबित कर दिया है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने 12 जनवरी को हस्तक्षेप किया था, जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है। इस मामले पर कार्रवाई करने के बाद दिल्ली पुलिस ने बयान दिया कि रोहिणी जिले में हादसे के इलाके में तैनात 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाता है। ये सभी अधिकारी पीीसआईर और पिकेट पर तैनात थे, जिन्होंने सही से कार्रवाई नहीं की। गौरतलब है कि निलंबित पुलिस कर्मियों में पांच दो पिकेट पर थे और छह पुलिसकर्मी तीन पीसीआर पर थे जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले 12 जनवरी को गृह मंत्रालय ने विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह द्वारा तैयार की गई विस्तृत रिपोर्ट पर संज्ञान लिया था। मंत्रालय ने तीन पीसीआर वैन और दो पुलिस पिकेट पर तैनात पुलिस कर्मियों को निलंबित किए जाने की सिफारिश की थी। इस सिफारिश के बाद ही दिल्ली पुलिस ने ये कार्रवाई की है।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को तीन पुलिस कंट्रोल रोम की पैट्रोलिंग वैन के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इसके साथ ही दो पुलिस पिकेट के खिलाफ भी सख्त कदम उठाने चाहिए। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त मामले में जांच में लापरवाही पर विचार करने वाले पर्यवेक्षक अधिकारियों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को दोषियों के खिलाफ जल्द से जल्द अदालत में चार्जशीट दायर करने और सभी जरूरी कदम उठाने का सुझाव दिया ताकि उन्हें सजा मिल सके।
लगाई जाएगी नई धारा
सूत्रों ने कहा कि गृह मंत्रालय ने गुरुवार को दिल्ली पुलिस को कंझावला मामले के आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) लगाने का निर्देश दिया। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि कंझावला दुर्घटना मामले में शामिल पांच लोगों के खिलाफ हत्या का आरोप दर्ज किया जाना चाहिए। सूत्रों ने बताया कि विशेष आयुक्त शालिनी सिंह की अध्यक्षता वाली एक जांच समिति द्वारा प्रस्तुत एक रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई।