लातूर। महाराष्ट्र के लातूर जिले के एक केंद्र में एचआईवी संक्रमित पांच जोड़े परिणय सूत्र में बंध गए हैं। अपने माता-पिता द्वारा त्यागे जाने या उन्हें संक्रमण के कारण खोने के बाद ये लोग इसी केंद्र में पले-बढ़े हैं। जोड़े 22 अप्रैल को ग्राम हसेगांव में दांपत्य सूत्र में बंधे जहां एक सामाजिक कार्यकर्ता ने ‘सेवालय’ नामक परियोजना के तहत “ हैप्पी इंडियन विलेज’’ केंद्र की शुरुआत की थी। इस परियोजना का मकसद ‘ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएन्सी वायरस’ (एचआईवी) संक्रमण से पीड़ित बच्चों की देखभाल करना है। एचआईवी बाद में एड्स बन जाता है। केंद्र के संस्थापक रवि बापताले ने कहा कि केंद्र ने बीते कई वर्षों के दौरान ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और आश्रय की सुविधा मुहैया कराई है। उनके मुताबिक, केंद्र में एचआईवी से संक्रमित करीब 50 बच्चे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र से जुड़े एचआईवी संक्रमित कुल 23 जोड़े अबतक शादी कर चुके हैं। बापटाले के अनुसार, एचआईवी से संक्रमित सात वैवाहिक जोड़े “ हैप्पी इंडियन विलेज’ में रह रहे हैं और उनकी संतानें भी हुई हैं जो एचआईवी से संक्रमित नहीं हैं। बापताले ने कहा कि जब उन्होंने इस केंद्र की शुरुआत की थी तो उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा मुझे खुशी है कि इन वर्षों में हम एचआईवी से संक्रमित इतने बच्चों की देखभाल कर सके।