
नवी मुंबई। वाशी स्थित इंडियन बैंक को जाली दस्तावेजों के जरिए 26 लाख रुपये की चपत लगाने वाले चार लोगों के गिरोह के खिलाफ वाशी पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और गबन के गंभीर आरोपों में मामला दर्ज किया है। आरोपी रितेश छोटूलाल जैन उर्फ हितेश सोलंकी, नरेंद्रसिंह प्रेमसिंह सोनीगरा, जितेंद्र दत्ताभाऊ शिंदे और प्रदीप गजानन अकनागिरे की तलाश में पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। पुलिस के मुताबिक, फरवरी 2025 में जैन, सोनीगरा और शिंदे ने उल्वे में त्रिलोक डेवलपर्स से फ्लैट खरीदने का दावा करते हुए इंडियन बैंक से होम लोन के लिए आवेदन किया। उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिंदे के नाम पर 30 लाख रुपए का ऋण स्वीकृत करवाया। इसके बाद, आरोपियों ने त्रिलोक डेवलपर्स के नाम से इंडियन ओवरसीज बैंक में एक फर्जी खाता खोला और उसमें 26 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर करवा ली। यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया जब असली डेवलपर ने इंडियन बैंक से संपर्क कर यह शिकायत की कि उसे ऋण की कोई राशि नहीं मिली। बैंक ने जांच के दौरान पाया कि जिस खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया वह डेवलपर से जुड़ा नहीं है। जांच में यह भी सामने आया कि परभणी निवासी प्रदीप अकनागिरे ने फर्जी कागज़ातों के ज़रिए उक्त खाता खुलवाया था। इतना ही नहीं, आरोपी जितेंद्र शिंदे ने उन्हीं फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर जन स्मॉल फाइनेंस बैंक से भी 30 लाख रुपए का एक और ऋण लेने की कोशिश की थी, लेकिन समय रहते बैंक ने दस्तावेजों का क्रॉस-वेरिफिकेशन कर धोखाधड़ी रोक दी। बैंक से संपर्क करने पर आरोपियों ने पहले तो ऋण चुकाने का आश्वासन दिया और 20 लाख रुपए के चेक भी दिए, लेकिन सभी चेक बाउंस हो गए। इस मामले में मुख्य आरोपी रितेश जैन द्वारा ‘हितेश सोलंकी’ नाम से कई फर्जी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने की जानकारी भी सामने आई है। इंडियन बैंक ने इस पूरे प्रकरण की शिकायत वाशी पुलिस में दर्ज कराई, जिसके बाद चारों आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। पुलिस अब मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।