
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विश्वास जताया कि भविष्य का युग अंतरिक्ष तकनीक (स्पेसटेक) का होगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के साथ इसका संयुक्त उपयोग महाराष्ट्र को दो कदम आगे ले जाएगा। वे उत्तान स्थित रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी में “अच्छे शासन के लिए अंतरिक्ष-तकनीक” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे, जिसे रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी और स्पेसटेक के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया था। सम्मेलन में लेफ्टिनेंट जनरल विनोद खंडारे (सेवानिवृत्त), डॉ. प्रकाश चव्हाण (पूर्व राज्यसभा सदस्य), विनय सहस्त्रबुद्धे (रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के उपाध्यक्ष) सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में स्पेसटेक का उपयोग बढ़ा है और यह कई उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण बन चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष तकनीक के महत्व को समझते हुए एक व्यापक नीति तैयार की, जिसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी भी सुनिश्चित की गई। उन्होंने बताया कि रिमोट सेंसिंग, ड्रोन जीपीएस, गति शक्ति मंच, जलयुक्त शिवार योजना, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य व शिक्षा जैसे क्षेत्रों में स्पेसटेक का उपयोग तेजी से बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अगले तीन महीनों में महाराष्ट्र की अंतरिक्ष तकनीक नीति तैयार की जाएगी और इसके लिए स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी विकसित किया जाएगा। ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) में भी भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का उपयोग ग्रामीण विकास में सहायक सिद्ध होगा। सम्मेलन में इस बात पर चर्चा हुई कि उपग्रह इमेजरी और भू-स्थानिक उपकरण ग्रामीण भारत की चुनौतियों को हल करने में कितने कारगर हो सकते हैं। यह सम्मेलन सरकार, उद्योग जगत और प्रौद्योगिकी संस्थानों के बीच समन्वय और सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण कदम साबित होगा, जिससे नवाचार को बढ़ावा, सार्वजनिक सेवाओं में सुधार और सतत विकास को समर्थन मिलेगा। सम्मेलन का परिचय डॉ. जयंत कुलकर्णी ने दिया, डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे ने विचार व्यक्त किए और संचालन गीता कुलकर्णी ने किया।
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