
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व आवास मंत्री एकनाथ शिंदे ने विधानसभा में आश्वासन दिया कि मुंबई में खतरनाक, पुरानी और जीर्ण-शीर्ण इमारतों के पुनर्विकास को गति देने के लिए जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में पुनर्विकास से जुड़ी बाधाओं को दूर करने पर विचार किया जाएगा। विधानसभा में सदस्य अमीन पटेल, पराग अलवाणी, अजय चौधरी, योगेश सागर, सुनील राउत, जयंत पाटिल, नाना पटोले, अतुल भातखलकर और छगन भुजबल ने इस मुद्दे पर सुझाव दिए, जिनके जवाब में उपमुख्यमंत्री शिंदे ने यह घोषणा की। उन्होंने बताया कि यदि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) या सक्षम प्राधिकारी किसी इमारत को खतरनाक घोषित करता है, तो पहले इमारत के मालिक को पुनर्विकास का अवसर दिया जाता है। यदि 6 महीने के भीतर मालिक प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करता, तो यह अवसर वहां रहने वाले किरायेदारों की सहकारी आवास समिति को दिया जाता है। यदि वे भी 6 महीने में प्रस्ताव नहीं लाते, तो मुंबई इमारत मरम्मत और पुनर्निर्माण बोर्ड के माध्यम से भूमि अधिग्रहण और पुनर्विकास की प्रक्रिया शुरू की जाती है। मुंबई इमारत मरम्मत और पुनर्निर्माण बोर्ड ने अब तक 854 इमारत मालिकों को नोटिस जारी किए हैं, जिनमें से 67 ने पुनर्विकास प्रस्ताव प्रस्तुत किए। इनमें से 30 मालिकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) भी दिया जा चुका है। इसके अलावा, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि राज्य सरकार नई आवास नीति ला रही है, जिससे आम नागरिकों को किफायती आवास उपलब्ध हो सकेगा। सरकार उन मुंबईवासियों की वापसी के लिए प्रतिबद्ध है, जो पुनर्विकास कार्यों में रुकावट के कारण मुंबई से बाहर चले गए हैं। राज्य सरकार मुंबई में रुकी हुई आवासीय परियोजनाओं को गति देकर नागरिकों को उनके हक का घर सुनिश्चित कर रही है।