भगवान विश्वकर्मा का जन्म अश्विन माह की कन्या संक्राति को हुआ था और तब से हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान विश्वकर्मा और अस्त्र शस्त्रों की पूजा-अर्चना की जाती है। विश्वकर्मा पूजा के दिन लोग अपने दफ्तरों, कारखानों, दुकानों आदि में मशीनों, औजारों की पूजा करते हैं। इसके साथ ही इस दिन वाहनों की भी पूजा की जाती है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का पहला इंजीनियर और देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री ने बताया कि इस बार विश्वकर्मा पूजा के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं। जिसकी वजह से इस दिन का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और शुभ संयोग। इस दिन पूजा के लिए शुभ मुहूर्त है 17 सितंबर की सुबह 10 बजकर 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। इस मुहूर्त में पूजा करना काफी शुभ माना गया है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री के अनुसार, इस साल विश्वकर्मा पूजा पर कुल 4 शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस साल विश्वकर्मा पूजा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, द्विपुष्कर योग और ब्रह्म योग का निर्माण हो रहा है। इन शुभ योग में पूजा करने से व्यापार में सफलता मिलेगी साथ ही सभी कार्यों में तरक्की मिलेगी। इस दिन ऑफिस, दुकान, वर्कशॉप, फैक्ट्री से लेकर हर छोटे संस्थान की साफ-सफाई जरूर करनी चाहिए।इस दिन औजारों, सामान और वाहनों की पूजा करें।