Tuesday, March 26, 2024
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हिंदुराष्ट्र बनने पर क्या बंद होगा बीफ कारोबार ??

भारत एक धर्म प्राण राष्ट्र है। यह महावीर, गौतम बुद्ध, राम, कृष्ण की पुण्यभूमि है। ऋषियों महर्षियों मुनियों ज्ञानियों की तपोभूमि है। ज्ञान, विज्ञान, गणित, अर्थशास्त्र, दर्शन और योग की आदि धरती है। जहां गौ, गंगा और भारत को माता मानकर पूजा की जाती है। जहां रणप्रताप, शिवाजी ने अपने प्राण अर्पित किए और हिंदुत्व रक्षा के लिए सिख गुरू गोविंद सिंह ने अपने पुत्रों का बलिदान दिया। जहां आज हिंदी, हिंदू और हिंदुत्व की रक्षा करने वाली सरकार है। जहां गौ वध निषेधाज्ञा हो। उसी देश में प्रतिदिन हजारों लाखों गौवंश का वध कर बीफ निर्यात में विश्व का पहला स्थान प्राप्त करे,तो क्या कहा जाएगा? यही नहीं हमारे देश की सरकारें पूर्व रही हों या आज है, लगातार बूचड़खानों को सब्सिडी और अनुदान देती हों तो शर्म की बात होनी चाहिए। अंग्रेजों से हमें 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी। उस समय देश की जनसंख्या 35 करोड़ थी और गोवंश की संख्या 130 करोड़ थी लेकिन आज ठीक उलटा हो गया है। आज देश की आबादी 140 करोड़ हो चुकी है परंतु दुखद कि गौवंश की संख्या मात्र 10 करोड़ रह गई है। गौवंश काम होने से खेतों में गोबर की खाद के स्थान पर रासायनिक खादों पड़ रही हैं जिनसे पर्यावरण ही नहीं मानव जाति को भी खतरा उत्पन्न हो गया है।माना कि रासायनिक खादों के उपयोग से अन्न उत्पादन बढ़ा, हम आत्मनिर्भरता के स्थान से निर्यातक हो गए लेकिन सुजला , सुफ़ला धरा बंजर हो गई है। आइए हम भारत के मांस उत्पादन और निर्यात की बात करते हैं। हमारे देश में गिनती के गौवंश होने के बावजूद, मांस उत्पादन पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। यही नहीं मांस उत्पादकों को आयकर अधिनियम में 80 आई वी जेड (11 ए) के तहत आयकर में छूट है। मांस के परिवहन पर यद्यपि पिछली सरकार ने रोक लगा दी जो 25 प्रतिशत छूट मांस के परिवहन में प्राप्त करते थे। मांस निर्यातक कारखाने में लगाने वाले कूलिंग सिस्टम पर 50 प्रतिशत छूट अब भी है। हिट ट्रीटमेंट प्लांट पर भी 50 प्रतिशत छूट मिलती है। जबकि कोल्ड स्टोरेज के ऊपर 100 प्रतिशत छूट का प्रावधान है। इतना ही नहीं कंसल्ट फि में भी 50 प्रतिशत छूट प्राप्त है। इसके अलावा कत्लखानों के आधुनिकी करण पर 50 प्रतिशत छूट के साथ साथ कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भी 50 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान है। इनके अलावा अन्य कई मदो पर भी छूट या अनुदान दिए जाते हैं। भारत में कुल वैधानिक बूचड़ खानों की संख्या 3616 है जिनमें 38 कत्लखाने बेहद आधुनिक तकनीकी से पूर्ण हैं। जिन्हें यांत्रिक कारखाने कहा जाता है। सबसे अहम बात यह कि मुसलमानों को गौवंश का हत्यारा कहा जाने का ट्रेंड है लेकिन सच तो यह है कि देश के सबसे बड़े कत्लखानों के मालिक हिंदू हैं।उन कत्लखानों के नाम उर्दू में इसलिए रखे गए हैं ताकि लगे कि हिंदुओं के कत्लखाने एक भी नहीं हैं। किनके बड़े बूचड़खाने हैं और उनसे कितनी मात्रा में बीफ निर्यात होता है, बेहद चौकाने वाले हैं। तो आइए सस्पेंस से पर्दा उठाया जाए। देश की पहली बीफ निर्माता और निर्यातक कत्लखाना है, अल कबीर एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, नाम से लगेगा मुस्लिम का कत्लखाना है लेकिन तेलंगाना के रुद्र गांव में 400 एकड़ में फैला यह बूचड़खाना के मालिक हैं सतीश सब्बरवाल, ये हिंदू ही हैं जिनके बीफ का कारोबार 650 करोड़ रुपयों का है। देश का दूसरा बूचड़खाना अरेबियन एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड है जिसके मालिक का नाम सुनील कपूर हैं। कपूर हिंदू होते हैं। जिनकी ऑफिस मुंबई के पॉश बिल्डिंग रशियन मेंशन में है। जिसका अपना निदेशक ग्रुप है और उस ग्रुप के लोगों के नाम बिरनत नागनाथ कुडमुले, विकास मारुति शिंदे और अशोक नारंग हैं। आप सभी जान ही गए होंगे ये भी हिंदू ही हैं। तीसरा बड़ा बूचड़खाना है एम आर के फ्रोजन फूड एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड। इस दिल्ली की कंपनी का मालिक भी कोई मुस्लिम नहीं है। मालिक हैं मदन एवट जिनका कोल्ड स्टोरेज का बूचड़खाना पंजाब के मोहाली में है। गांव का नाम है समगौली। चौथा बड़ा बूचड़खाना है, अलनूर एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड। इस विशाल कत्लखाने के मालिक का नाम सुनील सूद। जी हां आपने सही पहचाना सूद हिंदू ही होते हैं। जिस प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं और जिन्होंने गोवंश बचाने के लिए पूरे प्रदेश में हजारों गौशालाएं खोलकर उन्हें अनुदान देते हैं। उन्हीं के प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले के शेर नगर में बहुत बड़ा बूचड़खाना है। इस काखने यानी कंपनी से दुनिया की 35 कम्पनियों के लिए बीफ सप्लाई की जाती है। इसी से इसकी विशालता का अंदाजा लगाया जा सकता है। चौथा बड़ा बूचड़खाने का नाम है, एडीवी एक्सपोर्ट जिसके मालिक हैं ओ पी अरोड़ा। यूपी के उन्नाव में इनका विशाल बूचड़खाना है और मुख्यालय प्रदेश के उद्यमी जिले नोएडा में है। जिसके निदेशक अभिषेक अरोड़ा हैं। इनका संयंत्र मेवात के नूह में है। अगली कंपनी का नाम है स्टेंडर्ड फ्रोजन फूड एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड जिसके मालिक कमल वर्मा हैं यूपी के ही उन्नाव जिले के चांदपुर गांव में इनका विशाल बूचड़खाना है। इसके अलावा शिवाजी जिन्होंने हिंदवी स्वराज की स्थापना की थी उन्हीं के महाराष्ट्र में महाराष्ट्र खाद्य प्रसस्करण और कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड है जिसके पार्टनर सनी खट्टर हैं। इनका विशाल बूचड़खाना सतारा जिले के पलटन तालुका में है। इन विशाल बूचड़खानों के अलावा देश में छोटे, मझौले और काम बड़े हजारों कत्लखाने मौजूद हैं अपने धर्म प्राण देश भारत में। दुनिया भर में बीफ कारोबार धड़ल्ले से चलता हैं। भारत का बीफ कारोबार के द्वारा 94.94 लाख मीट्रिक टन का निर्यात होता है जबकि ब्राजील का बीफ कारोबार है 18.55 लाख मीट्रिक टन। आस्ट्रेलिया का बीफ निर्यात 1.36 लाख मीट्रिक टन और अमेरिका का 11.2 लाख मीट्रिक टन है। अर्थात भारत बीफ निर्यात में टॉप पर है। भारत का कुल मांस निर्यात 42,50,000 मिट्रिक टन है जो मांस निर्यातक देशों में पांचवे नंबर पर है। बीफ की बात करें तो यूनाइटेड स्टेट्स सिपार्टनेंट ऑफ एग्रीकल्चर की रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष भारत का बीफ निर्यात 1850000 मीट्रिक टन है जो ब्राजील के बराबर ही है यानी भारत बीफ निर्यात के क्षेत्र में ब्राजील के साथ पहले स्थान पर है।जबकि 2017 बीफ निर्यात में भारत का कारोबार तीन अरब डॉलर से अधिक था। वर्तमान में भारत ब्राजील आस्ट्रेलिया और अमेरिका प्रति वर्ष दस लाख टन बीफ निर्यात करते हैं। चार्ट बनाने पर भारत 1850000 मिट्रिक टन, ब्राजील 1850000 मिट्रिक टन, आस्ट्रेलिया 1385000 मिट्रिक टन और अमेरिका 1120000 मिट्रिक टन बीफ निर्यात करता है। वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन के 2018 के अनुसार बीफ निर्यात में 2006 से 2016 तक बीफ निर्यात में बहुत तरक्की की है। 2006 में बीफ निर्यात में भारत का हिस्सा सिर्फ 2 प्रतिशत था जो मोदी के पीएम बनने पर 2016 में 20 प्रतिशत पर पहुंच गया। यानी बीफ निर्यात में दस गुनी वृद्धि हुई। जर्नल साइंस के अनुसार विश्व की आबादी बढ़ने और विश्व में मांस की डिमांड बढ़ने से पर्यावरण संकट उपस्थित हो गया है। कार्बन डाई ऑक्साइड का उत्सर्जन बहुत अधिक बढ़ गया है। जिसका जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर टिम के अनुसार मांसाहार के कारण पर्यावरणीय संकट काफी अधिक बढ़ गया है। ग्लोबल वार्मिंग में भी इसका बड़ा योगदान है। आज भाजपा सरकार के द्वारा अपरोक्ष रूप में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का अभियान बड़े जोरों से चलाया जा रहा है। सवाल उठना लाजिमी है कि क्या हिंदू राष्ट्र बनाने के बाद गौवंश वध और बीफ का निर्यात बिल्कुल ही बंद कर दिया जाएगा।

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