मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने गुरुवार को समीर वानखेड़े की तरफ से राकांपा नेता नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज कराए गए एक मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने इस मामले में मुंबई पुलिस से जांच से जुड़ी जानकारी मांगी। बता दें कि समीर वानखेड़े आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) के अफसर हैं और उन्होंने मलिक के खिलाफ अत्याचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज कराया है। वानखेड़े ने बीते हफ्ते ही हाईकोर्ट में याचिका लगा कर इस मामले को सीबीआई को सौंपे जाने की मांग की थी। उन्होंने पुलिस पर कार्रवाई आगे न बढ़ाने का आरोप लगाया था। मौजूदा समय में वानखेड़े करदाता सेवाओं के निदेशालय में अतिरिक्त आयुक्त के पद पर तैनात हैं और एससी महार समुदाय से आते हैं। इसी मामले पर सुनवाई के दौरान जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चव्हाण की बेंच ने मुंबई की गोरेगांव पुलिस स्टेशन के इस मामले से जुड़े पुलिस अधिकारी को केस डायरी के साथ अगली सुनवाई में मौजूद रहने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि उसे दो हफ्ते के अंदर जांच से जुड़ी जानकारी चाहिए होगी।
क्या है वानखेड़े की तरफ से दर्ज कराया गया मामला?
आईआरएस अफसर समीर वानखेड़े ने 2022 में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ गोरेगांव पुलिस के सामने अनुसूचित जाति-जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि मलिक ने इंटरव्यू और सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए वानखेड़े और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जाति आधारित अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। इस मामले में मलिक की न तो गिरफ्तारी हुई और न ही उनके खिलाफ अब तक चार्जशीट दाखिल हुई है। इसी को लेकर 20 नवंबर को समीर वानखेड़े ने याचिका दार की थी और कहा था कि पुलिस ने मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है और केस को सीबीआई को सौंप दिया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि इस जांच को कोर्ट की निगरानी में कराया जाना चाहिए।