पंजाब के अजनाला झड़प पर सीएम भगवंत मान से एक सवाल किया गया. उन्होंने जवाब में कहा कि आपके पास गलत जानकारी है. पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस सक्षम है. हमारा एक शांतिपूर्ण राज्य है. अजनाला में खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब डे’ के प्रमुख अमृतपाल सिंह के समर्थकों और पंजाब पुलिस के साथ झड़प के एक दिन बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को कहा कि कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई आवास मातोश्री में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, ऐसा लगा कि भगवंत मान अजनाला हिंसा पर सवाल को टाल रहे है. अजनाला झड़प पर एक सवाल के जवाब में मान ने कहा कि आपके पास गलत जानकारी है. पंजाब में कानून व्यवस्था नियंत्रण में है और पंजाब पुलिस सक्षम है. हमारा एक शांतिपूर्ण राज्य है. उन्होंने कहा कि बड़े उद्योगों ने वहां निवेश करना शुरू कर दिया है. पहले एक परिवार विशेष के साथ एमओयू किया जाता था, अब पंजाब के तीन करोड़ लोगों के साथ एमओयू किया जा रहा है.
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे से हुई मुलाकात
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से उनके मुंबई स्थित आवास पर मुलाकात की. इससे पहले गुरुवार को पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक संगठन ‘वारिस पंजाब डे’ के प्रमुख के बाद अमृतसर में अमृतपाल सिंह के करीबी लवप्रीत सिंह तूफान की गिरफ्तारी के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया.
पंजाब में बेकाबू हो गए थे हालात
हाथों में तलवार और बंदूक लिए समर्थकों ने अजनाला थाने के बाहर लगे पुलिस बैरिकेड्स को तोड़ दिया. हालांकि, पंजाब पुलिस ने ‘वारिस पंजाब दे’ नेता और उनके समर्थकों के साथ बातचीत के बाद लवप्रीत सिंह तूफान को रिहा करने का फैसला किया. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), अमृतसर (ग्रामीण), सतिंदर सिंह ने कहा, “हमारे सामने पेश किए गए सबूतों के आलोक में, यह निर्णय लिया गया है कि लवप्रीत तूफान को बरी कर दिया जाएगा. मामले की जांच के लिए एक एसआईटी गठित की गई थी.
एसएसपी ने कहा कि उन्होंने (‘वारिस पंजाब डे’ के सदस्यों) ने तूफान की बेगुनाही का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सबूत पेश किए हैं. SIT ने भी इसका संज्ञान लिया है. इन लोगों ने अब शांति से जाने का फैसला किया है. कानून अपना काम करेगा. वारिस पंजाब दे की स्थापना कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने की थी, जिनकी पिछले साल फरवरी में एक सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी.