मुंबई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने एंकर लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड और शाह कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के खिलाफ धोखाधड़ी (धारा 420) और आपराधिक साजिश (धारा 120 बी) के तहत एफआईआर दर्ज की है। यह मामला 2008 में अश्विन शेठ ग्रुप के साथ 51 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से संबंधित है। अश्विन शेठ ग्रुप ने शिकायत में कहा कि उन्होंने अंधेरी में एक प्रमुख भूखंड के विकास के लिए 51 करोड़ रुपये का निवेश किया था। समझौते के अनुसार, इस धनराशि का उपयोग विकास प्रक्रिया शुरू करने के लिए होना था। लेकिन आरोप है कि आरोपियों ने इस राशि का दुरुपयोग किया और समझौते को औपचारिक रूप नहीं दिया।
कौन-कौन हैं आरोपी?
एफआईआर में जाधवजी शाह, अतुल दामजी शाह, मेहुल जाधवजी शाह, संजय दामजी शाह, जयवंती जाधवजी शाह, हेमांग जाधवजी शाह, कानन हेमांग शाह, शांताबेन दामजी शाह, हीना संजय शाह और उषा अतुल शाह सहित कंपनियों के अन्य लाभार्थियों और शेयरधारकों के नाम शामिल हैं। अश्विन शेठ ग्रुप के प्रतिनिधि ने इस मामले को विश्वासघात और अनैतिक प्रथाओं का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि अब तक बकाया राशि 700 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। समूह ने न्याय सुनिश्चित करने और बकाया राशि वसूलने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई है।
ईओडब्ल्यू की जांच और संभावित प्रभाव
ईओडब्ल्यू ने वित्तीय लेन-देन और आरोपियों की गतिविधियों की गहन जांच शुरू कर दी है। इस मामले को मुंबई के रियल एस्टेट क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है।
इस मामले ने रियल एस्टेट समुदाय में हलचल मचा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना व्यवसायिक साझेदारियों में पारदर्शिता और सख्त परिश्रम प्रोटोकॉल की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
एंकर लीजिंग की प्रतिक्रिया लंबित
जहां अश्विन शेठ ग्रुप अधिकारियों से जांच में तेजी लाने की मांग कर रहा है, वहीं एंकर लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड ने अभी तक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया है। इस मामले की जांच के नतीजे न केवल पीड़ित समूह के लिए बल्कि मुंबई के रियल एस्टेट उद्योग में धोखाधड़ी रोकने के प्रयासों के लिए भी निर्णायक साबित हो सकते हैं।