
मुंबई। मेंढक कितना भी फूले हाथी नहीं बन सकता। यह बात बुधवार को भाजपा विधायक अनिल बोंडे ने सीधे एकनाथ शिंदे पर हमले करते हुए कही। इसका मतलब कोई भी यह निकाल सकता है कि, ४० विधायकों वाले नेता को अगर सीएम की कुर्सी मिल जाए तो वो १०५ विधायकों के समर्थन वाले देवेंद्र फडणवीस की बराबरी नहीं कर सकते। इसका जवाब शिंदे गुट की ओर से विधायक संजय गायकवाड़ ने यह कह कर दिया है कि, शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की ऊंगली पकड़ कर बीजेपी ने अपनी हैसियत बनाई, वरना महाराष्ट्र में वो आज कहीं नहीं होती। यानी साफ है कि कल जो शिंदे गुट की शिवसेना के नाम पर विज्ञापन जारी हुआ और उससे जो तल्खी पैदा हुई, वो नए विज्ञापन में भूल सुधार किए जाने के बाद भी कम नहीं हुई। अनिल बोंडे ने बीजेपी की ओर से यह भी कहा है कि महाराष्ट्र ठाणे तक (शिंदे का गढ़) ही सीमित नहीं है। महाराष्ट्र बहुत बड़ा है। इस पर शिंदे गुट के मंत्री शंभूराज देसाई ने कहा कि शिंदे सिर्फ महाराष्ट्र के ही नहीं, देश के भी नेता हैं। जिस नेता के पीछे पचास विधायक और तेरह सांसद बिना आगे-पीछे की परवाह किए आ गए, वे कितने बड़े नेता हैं, यह समझा जा सकता है। उन्होंने जो क्रांति की, वो पूरे देश ने देखा। शंभूराज देसाई ने बीजेपी नेताओं को यह भी सलाह दी है कि वे विज्ञापन पर ज्यादा कंसंट्रेट न करें और विवादों को भुलाकर आगे बढ़ें। उन्होंने यह कह कर भी डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की कि कल का विज्ञापन किसी शुभचिंतक ने जारी किया था। वह शिवसेना का अधिकृत विज्ञापन नहीं था।
आज के विज्ञापन में आया मोड़, कल के ट्रोल के बाद आज डैमेज कंट्रोल
कल और आज शिंदे गुट की शिवसेना के विज्ञापन में बड़ा फर्क आया है। कल यानी मंगलवार के विज्ञापन में यह बताया गया था कि, ‘राष्ट्र में मोदी और महाराष्ट्र में शिंदे।’ कल के विज्ञापन में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सीएम एकनाथ शिंदे की तस्वीर थी। देवेंद्र फडणवीस की तस्वीर गायब थी. जख्मों पर नमक के साथ मिर्ची इस तरह लगाई गई थी कि शिंदे की तुलना फडणवीस से की गई थी। सीएम को २६.१ फीसदी जनता की और फडणवीस को २३.२ फीसदी जनता की पसंद बताया गया।
भूल सुधार में शिवसेना ने दिया नया विज्ञापन
इस बीच सीएम शिंदे की शिवसेना की ओर से बुधवार को एक और नया विज्ञापन जारी किया गया है। इसमें मंगलवार की गलती को सुधाने की भरपूर कोशिश करते हुए महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन को लोगों की पहली पसंद बताया गया है। इसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दोनों को बराबर जगह दी गई है।
भाजपा नेता और चुनाव चिन्ह को प्रमुखता देने की कोशिश
बुधवार के विज्ञापन में भाजपा के चुनाव चिन्ह को शिवसेना के चुनाव चिन्ह से पहले जगह दी गई है। साथ ही साथ पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के साथ-साथ शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे को भी स्थान दिया गया है। लेकिन, इतना सबकुछ करने के बावजूद डैमेज कंट्रोल की जगह शिवसेना से फिर बड़ी भूल हो गई है।
डैमज कंट्रोल करना चाहती थी शिवसेना, लेकिन हो गई गड़बड़
शिवसेना की ओर से जो ताजा विज्ञापन दिया गया है, उसमें सरकार की ओर से महाराष्ट्र के मंत्री प्रदेश की जनता को हृदय से धन्यवाद दे रहे हैं। लेकिन, इसमें सिर्फ शिवसेना कोटे के मंत्रियों को जगह दी गई है, भाजपा के मंत्रियों को नजरअंदाज कर दिया गया है। जबकि, शिंदे सरकार में भाजपा ही बड़ी सहयोगी है।
कोल्हापुर की बैठक में नहीं पहुंचे थे फडणवीस
मुख्यमंत्री शिंदे ने पहले वाले विज्ञापन आने के बाद कहा था कि वह और बीजेपी नेता फडणवीस दोनों ही लोगों के मन में हैं और दोनों ही मिलकर राज्य के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। लेकिन, इसके बाद कोल्हापुर में एक सरकारी कार्यक्रम हुआ, जिसमें सीएम के साथ डिप्टी सीएम को भी जाना था, पर वह कान की बीमारी के नाम पर उसमें नहीं पहुंचे।