Nashik: नासिक जिले के सुरगना तालुका (Surgana taluka of Nashik district) के आंदोलनकारियों द्वारा सुविधाओं की कमी का आरोप लगाते हुए गुजरात में विलय की धमकी देने के कुछ दिनों बाद महाराष्ट्र के मंत्री दादा भुसे ने उन्हें सीमावर्ती क्षेत्रों के सर्वांगीण समावेशी विकास का आश्वासन दिया है।
सुरगना तालुका के सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित कम से कम 55 गांवों और बस्तियों के लोगों ने हाल ही में मांग की थी कि उनके मुद्दों का समाधान किया जाए, अन्यथा वे पड़ोसी राज् गुजरात में विलय कर लेंगे।
नासिक जिले के पालक मंत्री भूसे ने मंगलवार को एक जनसभा में आंदोलनकारियों से कहा कि महाराष्ट्र में सामाजिक न्याय और विकास की विरासत है और इसके लिए पूरे देश में राज्य की पहचान है।
मंत्री ने कहा, ‘‘सुरगना तालुका में गुजरात सीमा पर आदिवासी गांवों और ‘पड़ा (small settlements)’ के सर्वांगीण-समावेशी विकास के लिए प्राथमिकता के साथ योजना तैयार की जाएगी और एक समयबद्ध कार्यक्रम चलाया जाएगा।’’
यह मुद्दा दक्षिणी राज्य कर्नाटक के नियंत्रण वाले बेलगावी जिले और 80 अन्य मराठी भाषी गांवों की स्थिति को लेकर महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच पहले से ही उग्र सीमा विवाद के बीच आया है। विवाद उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है।
महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की अक्कलकोट तहसील के 11 गांवों ने भी जिला प्रशासन से उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने या निकटवर्ती कर्नाटक के साथ विलय करने की अनुमति देने के लिए कहा है।