मुंबई। मराठा आरक्षण के मुद्दे पर एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र सरकार पर बुधवार को जमकर हमला बोला है। उन्होंने दावा किया कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार नीतिगत पक्षाघात से पीड़ित है। सुप्रिया सुले की यह टिप्पणी मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा आरक्षण की मांग के लिए अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू करने के बाद आई है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, जरांगे ने सितंबर माह के बीच अपना पहला अनशन खत्म करते समय सरकार को ओबीसी श्रेणी के तहत नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान करने के लिए 40 दिनों का अल्टीमेटम दिया था। शिंदे सरकार ने तब आश्वासन दिया था कि मराठा आरक्षण 40 दिनों में होगा, लेकिन वह वादा अभी तक पूरा नहीं हुआ है। तीखा हमला करते हुए एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार को नीतिगत पुंग करार दिया। बता दें मराठा आरक्षण लागू करने के लिए राज्य सरकार को दी गई 40 दिन की समय सीमा खत्म हुई। आंदोलनकारी मनोज जरांगे ने अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए बुधवार सुबह जालना जिले की अंबाद तहसील के अंतर्गत अंतरवाली सरती गांव में अनिश्चितकालीन उपवास शुरू कर दिया। मनोज जरांगे ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर अगस्त के अंत में अंतरवाली साराती गांव में भूख हड़ताल शुरू की थी। जरांगे ने 14 सितंबर को विरोध वापस ले लिया और समुदाय को कोटा देने के लिए सरकार के लिए 40 दिन की समय सीमा खत्म हुई और मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिला जिसके बाद एक बार फिर से आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल शुरू कर दिया हैं।