
मुंबई। महाराष्ट्र में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की उपस्थिति को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच राज्य सरकार ने एक निर्णायक कदम उठाया है। शुक्रवार को जारी एक सरकारी प्रस्ताव (GR) के माध्यम से, राज्य सरकार ने सभी विभागों को निर्देशित किया है कि वे विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के दस्तावेजों की सख्त जांच करें, ताकि फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लाभ लेने वाले व्यक्तियों की पहचान की जा सके।
फर्जीवाड़ा रोकने की नई रणनीति
सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि फर्जी या छेड़छाड़ किए गए दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी प्रमाणपत्र या लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्तियों का रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। ऐसे व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और उनके विवरण संबंधित विभागों की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका उद्देश्य यह है कि भविष्य में वे किसी अन्य योजना या विभाग से लाभ न ले सकें। इसके अतिरिक्त, अब कल्याणकारी योजनाओं के लिए आवेदन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यह घोषणा करनी होगी कि वह भारतीय नागरिक है। साथ ही यह भी स्पष्ट करना होगा कि यदि उसके द्वारा कोई गलत जानकारी दी गई या फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए गए, तो उसके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और संसाधनों की सुरक्षा पर फोकस
सरकार ने इस कदम के पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं और सार्वजनिक संसाधनों के दुरुपयोग को प्रमुख कारण बताया है। सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में कई अवैध प्रवासी जाली दस्तावेजों के जरिए सरकारी सब्सिडी और नौकरी के अवसर हासिल कर रहे हैं, जिससे राज्य की योजनाओं और प्रणाली पर अत्यधिक दबाव पड़ रहा है।
भाजपा नेता किरीट सोमैया की सक्रियता
इस मुद्दे पर भाजपा नेता किरीट सोमैया ने भी लगातार अभियान चलाया है। अमरावती और मालेगांव के बाद अब नासिक में भी उनकी मुहिम जारी है। सोमैया ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जी लाभार्थियों की शिकायत करते हुए दावा किया है कि नासिक के कलवण क्षेत्र में इस योजना के 181 लाभार्थी बांग्लादेशी नागरिक हैं। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट के जरिए यह जानकारी साझा की और कहा कि वे नासिक के पुलिस महानिरीक्षक से भी मुलाकात करेंगे ताकि इस मामले की जांच में तेजी लाई जा सके। सोमैया का कहना है कि “सरकारी योजनाओं का लाभ केवल वैध भारतीय नागरिकों को मिलना चाहिए, न कि अवैध घुसपैठियों को।”