Wednesday, July 23, 2025
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मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज, पत्थरबाजी में कई घायल, शरद पवार ने की कड़ी निंदा

मुंबई। महाराष्ट्र में एक बार फिर मराठा आंदोलन का मुद्दा गरमा गया है। शुक्रवार को जालना जिले के अंतरावाली सराटी गांव में पुलिस और मराठा आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गयी। इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। मिली जानकारी के मुताबिक, जालना के अंतरावाली सराटी गांव में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अनशन पर बैठे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया है। दरअसल पुलिस प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की कोशिश कर रही थी और तभी वहां बवाल शुरू हो गया। मराठा आरक्षण की मांग को लेकर यहाँ पिछले चार दिनों से अनशन चल रहा है। पुलिस की कार्रवाई से भड़के प्रदर्शनकारियों ने पथराव शुरू कर दिया, जिसके बाद हालात और बिगड़ गए और पुलिस को हवा में गोली चलानी पड़ी। पिछले 29 अगस्त से आरक्षण की मांग को लेकर मराठा मार्चा के संयोजक मनोज जरांगे समेत 10 लोग धरने पर बैठे थे। लेकिन मनोज जरांगे पाटिल की हालत बिगड़ गई। इसके चलते उनसे अनशन खत्म करने का अनुरोध किया गया। लेकिन उन्होंने अपनी भूख हड़ताल वापस नहीं ली। इसके बाद आज पुलिस ने यह कार्रवाई की।
एक दर्जन पुलिसकर्मी जख्मी
मराठा प्रदर्शनकारियों के पथराव में 10 से 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं। खबर है कि इस घटना से नाराज मराठा समुदाय के लोगों ने धुले-सोलापुर हाईवे पर कई गाड़ियों में आग लगा दी है। पुलिस के लाठीचार्ज के बाद बीड में बंद बुलाया गया है। हालांकि अभी तक बंद की आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।
शरद पवार ने की कड़ी निंदा
राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसके लिए राज्य के गृह विभाग को जिम्मेदार ठहराया। पवार ने कहा, मुझे जालना से कुछ लोगों के फोन आए और उन्होंने मुझे बताया कि वहां क्या हुआ था। मनोज जाएंगे और उनके साथी भूख हड़ताल पर थे। पुलिस ने उनसे चर्चा की। उस चर्चा में सब कुछ शांति से जारी था। हालांकि, चर्चा के बाद पुलिस बल का उपयोग करके उन्हें वहां से हटाने का प्रयास किया गया। उन्होंने कहा, प्रदर्शनकारियों पर भारी लाठीचार्ज किया गया। वास्तव में, एक बार चर्चा हो जाने के बाद लाठीचार्ज या बल प्रयोग की कोई आवश्यकता नहीं थी। हालांकि, अगर ऐसे सामाजिक क्षेत्रों में काम करने वाले लोगों के पास कोई सवाल है और जवाब नहीं मिलने पर वे सड़कों पर उतरते हैं, तो राज्य के गृह मंत्री (देवेंद्र फडणवीस) को उनके खिलाफ बल प्रयोग करने का निर्देश देना चाहिए। शरद पवार ने आगे कहा राज्य के गृह मंत्री के मन में कुछ तत्वों के बारे में जो भावना है, वह पुलिस के कार्यों से व्यक्त होती है। ये तस्वीर जालना में नजर आ रही है। इसके लिए क्या पुलिस दोषी है? पुलिस को ऊपर से ऐसे निर्देश मिले और कार्रवाई की गई। इससे पुलिस और युवाओं के बीच अनावश्यक कटुता पैदा हो गई। इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार और गृह मामलों के लिए जिम्मेदार लोगों की है।
क्यों हुआ हंगामा
पुलिस ने आज भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में तीखी बहस शुरू हो गयी। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। फिर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया। इसके बाद पुलिस ने आक्रामक प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं। इससे स्थल पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गयी।

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