Friday, June 20, 2025
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अपहरण और मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़, कॉलेज छात्रा और 2 युवक गिरफ्तार

मुंबई। मुंबई में बच्चों की चोरी करने वाले एक मानव तस्करी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। मुंबई पुलिस ने 18 वर्षीय छात्रा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये तीनों बच्चे का अपहरण कर पैसों के लिए उसे बेच देते थे। गिरोह का भंडाफोड़ तब हुआ जब पुलिस के पास वडाला इलाके से एक तीन साल के बच्चे के लापता होने का मामला आया। एक अधिकारी ने कहा कि वडाला से बच्चे का अपहरण करने के बाद तीनों आरोपी उसे लेकर कल्याण गए। लेकिन महिला आरोपी को तुरंत पैसे नहीं मिलने की वजह से डील फाइनल नहीं हुई। उधर, बच्चे की मां को आरोपी छात्रा पर शक भी हो गया। जिस वजह से आरोपी डर गए। पुलिस ने 18 वर्षीय छात्रा सनिका वाघमारे, पवन पोखरकर (20 वर्ष) और सार्थक राजेंद्र बोमले (18 वर्ष) को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, वाघमारे कोलीवाड़ा (शिवडी) इलाके में रहती हैं, जबकि पोखरकर और बोमले घाटकोपर में रहते हैं।
डिप्टी पुलिस कमिश्नर (पोर्ट ज़ोन) संजय लटकर ने कहा कि सोमवार दोपहर लगभग 12.30 बजे एक 27 वर्षीय महिला ने वडाला पुलिस को बताया कि उसका बेटा घर के बाहर खेलते समय अचानक गायब हो गया है। जिसके बाद पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज किया। अधिकारी ने कहा, मामले की छानबीन के लिए पुलिस टीम मौके पर गई और सीसीटीवी फुटेज की जांच शुरू की। साथ ही घटनास्थल के पास मौजूद स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की। पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज मिला, जिसमें बच्चा वाघमारे के साथ जाते हुए नजर आया। चूंकि शिकायतकर्ता महिला वाघमारे को जानती थी, इसलिए उसने उसे फोन किया और अपने बच्चे के बारे में पूछा। हालांकि वाघमारे ने दावा किया कि बच्चा उसके साथ नहीं है। वाघमारे ने कहा कि वह सुबह से कॉलेज में लेक्चर अटेंड कर रही है। इस बीच, पुलिस ने अपनी जांच जारी रखी। शाम करीब 4.30 बजे पुलिस को खबर मिली कि वडाला में रेलवे ब्रिज पर एक तीन साल का बच्चा मिला है। जांच में पता चला कि वाघमारे ने डील फेल होने के बाद बच्चे को एक स्थानीय निवासी को सौंप दिया था और कहा था कि बच्चा उसे अकेले घूमते हुए मिला। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी छात्रा ने उस व्यक्ति को बच्चे को पुलिस को सौंपने के लिए भी कहा था।
डीसीपी ने कहा, हमने जब बच्चे से बात की तो उसने हमें बताया कि वह छात्रा के साथ ही गया था। जिसके बाद वाघमारे को पुलिस स्टेशन बुलाया गया और पूछताछ में उसने अपराध कबूल कर लिया। आरोपी छात्रा ने बताया कि उसके साथी पोखरकर और बोमले ने उसे बच्चे के बदले 2 लाख रुपये देने की बात कही थी। एक अधिकारी ने बताया कि पोखरकर की वाघमारे से पहचान एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी। उसने दस साल से कम उम्र का लड़का चुराकर लाने के एवज में 2 लाख रुपये देने का वादा किया था। इसी लालच में पड़कर सोमवार सुबह वाघमारे ने जब बच्चे को खेलते हुए देखा तो उसे बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गयी। वह बच्चे को टैक्सी में घाटकोपर ले गयी, वहां उसकी मुलाकात पोखरकर और बोमले से हुई और तीनों फिर कल्याण गए। लेकिन बच्चे का सौदा नहीं हो सका और वाघमारे बच्चे को लेकर वडाला रेलवे स्टेशन आ गईं और एक स्थानीय निवासी को सौंप दिया। जिसने बच्चे को पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने छात्रा सनिका वाघमारे, पवन पोखरकर और सार्थक बोमले के खिलाफ अपहरण और मानव तस्करी की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस अपराध में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि गिरोह ने अब तक कितने बच्चे और किसे बेचे है।

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