नई दिल्ली। भारत ने एक बार फिर गाजा के लोगों को बड़ी मदद भेजी है। रविवार को भारतीय वायु सेना का दूसरा सी17 विमान गाजा में चल रहे इजराइल-हमास संघर्ष से प्रभावित लोगों के लिए 32 टन सहायता सामग्री लेकर मिस्र के एल-अरिश हवाई अड्डे के लिए रवाना हुआ। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। भारत द्वारा भेजे गए मेडिकल शिपमेंट में 38 टन राहत सामग्री शामिल थी, जिसमें दवाइयां, कंबल और टेंट जैसे जरूरी सामान शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हालिया शिपमेंट में आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल आइटम और अन्य आवश्यक आपूर्ति शामिल हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह भी बताया कि भारत क्षेत्र में प्रभावित नागरिकों को अतिरिक्त मानवीय सहायता भेजने की योजना बना रहा है। दूसरी तरफ, एन ने बताया है कि अल- शिफा अस्पताल में अब भी 25 स्टाफ, 291 मरीज और 32 नवजात मौजूद हैं। इन बच्चों की हालात बेहद गंभीर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने घोषणा की है कि गाजा का अल- शिफा अस्पताल डेथ जोन बन चुका है। अस्पताल को खाली करने की योजना की भी जानकारी दी। शनिवार को सैकड़ों लोगों ने अल- शिफा अस्पताल खाली कर दिया। दूसरी तरफ, अमेरिकी मीडिया वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इजराइल, अमेरिका और हमास के बीच बंधकों को आजाद करने के लिए जल्द ही डील होने वाली है। रिपोर्ट के मुताबिक, कतर के जरिए हो रहे इस समझौते के तहत बंधकों को छोड़ने के बदले 5 दिन का सीजफायर हो सकता है। वहीं व्हाइट हाउस प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल कोई डील नहीं हुई है।
इजराइली रक्षा मंत्री बोले- सिर्फ अपनी जान बचाना चाहता है हमास
पीएम नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल पर जंग के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय की तरफ से लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा- गाजा और उसके बाहर मौजूद हमास के लोग हमारे लिए जिंदा लाश हैं। हमास चीफ इस्माइल हानिये का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा- चाहे हमास लड़ाके के हाथ में राइफल हो या चाहे उसने सूट पहन रखा हो, हमारे लिए सब एक जैसे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा- हम जमीनी ऑपरेशन के दूसरे स्टेज में हैं और सेना जल्द ही साउथ गाजा में भी हमास तक पहुंच जाएगी। हमास अपनी सुरंगों, बंकर और ठिकानों को खो रहा है। हम उनके कई सीनियर कमांडरों को मार गिरा चुके हैं। हमास सिर्फ लड़ाई की ही भाषा जानता है। उसका इकलौता मकसद अब अपनी जान बचाना है। हम अपने बंधकों को भी जल्द छुड़ा लेंगे।