
नागपुर। भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों, मूल्यों और संविधान की आत्मा को जीवंत रूप देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम के तहत, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय परिसर में संविधान प्रस्तावना पार्क का उद्घाटन भव्य रूप से संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुख्य अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित थे। इनके साथ मंच पर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट, कानून और न्याय राज्य मंत्री एड. आशीष जयस्वाल, पूर्व मंत्री नितिन राऊत, पूर्व सांसद जोगेंद्र कवाड़े, तथा विश्वविद्यालय की प्रभारी कुलपति डॉ. माधवी खोड़े-चावरे और संविधान प्रस्तावना पार्क समिति के अध्यक्ष गिरीश गांधी भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का वक्तव्य
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने भाषण में कहा- भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने भारतीय संविधान को वैश्विक मानकों और भारतीय शाश्वत मूल्यों को जोड़कर तैयार किया। संविधान की प्रस्तावना उसमें समाहित मूल विचारों का सार है। यदि देश के नागरिक प्रस्तावना में दिए गए सिद्धांतों को अपनाएं, तो हमारी 90 प्रतिशत समस्याओं का समाधान स्वतः संभव है। उन्होंने संविधान प्रस्तावना पार्क को एक प्रेरणास्थली बताते हुए कहा कि यह परिसर आने वाली पीढ़ियों को संविधान के प्रति जागरूकता और कर्तव्यबोध की प्रेरणा देगा। उन्होंने डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर विधि महाविद्यालय के नए भवन के निर्माण की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि पार्क को सभी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की प्रतिक्रिया
भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने कहा- यह संयोग है कि संविधान की अमृत जयंती वर्ष में मुझे नागपुर आने का अवसर मिला और यहां प्रस्तावना पार्क के उद्घाटन में भागीदारी का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यह पार्क केवल एक संरचना नहीं, बल्कि डॉ. आंबेडकर के महान कार्यों की जीवंत स्मृति है। उन्होंने कहा कि दीक्षाभूमि, संविधान चौक और अब संविधान प्रस्तावना पार्क, इन तीनों स्थलों ने नागपुर को संवैधानिक चेतना का केंद्र बना दिया है। उन्होंने इस पार्क में लगे भित्ति चित्रों, मूल उद्धरणों और प्रस्तावना की कलात्मक प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि यह नागरिकों को संविधान की गहराई को समझने में मदद करेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की घोषणा
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जो स्वयं इस लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र रह चुके हैं, ने इस अवसर पर कहा- यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि नागपुर विश्वविद्यालय और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर लॉ कॉलेज से ऐसी प्रेरक परियोजनाएं निकल रही हैं। उन्होंने कॉलेज की ई-लाइब्रेरी के लिए ₹1 करोड़ के विशेष फंड की घोषणा की और कहा कि “यह पार्क संविधान के मूल विचारों को छात्रों और नागरिकों तक पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
सामाजिक न्याय मंत्रालय की भूमिका
सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि इस संविधान प्रस्तावना पार्क के निर्माण में सामाजिक न्याय मंत्रालय की आर्थिक सहायता और जनभागीदारी ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने इसे एक “वैचारिक स्मारक” बताते हुए कहा कि संविधान को समझने के लिए युवाओं को इससे जुड़ना आवश्यक है।