government in trouble: सरकारी कार्यक्रमों में नहीं परोसा जाएगा नॉन-वेज! संसद में बिल लाने की तैयारी संसद का शीतकालीन सत्र अगले हफ्ते से शुरू
होने जा रहा है, और पिछली बार की तरह इस बार भी सत्र के हंगामेदार होने के आसार लगाए जा रहे हैं. साथ ही कई अहम विधेयक भी संसद में पेश किए जाने की संभावना है. सभी सरकारी कार्यक्रमों में मांसाहारी भोजन (Non-Vegetarian Food) पर रोक लगाने वाला बिल और प्राइवेट सेक्टर में रिश्वतखोरी रोकने की मांग करने वाला बिल प्राइवेट मेंबर्स बिल (Private Members Bills) की सूची में शामिल हैं, जिन पर संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में चर्चा की जाएगी.
लोकसभा की अधिसूचना के अनुसार, इस सत्र में सदस्यों के कुल 20 बिल चर्चा के लिए सूचीबद्ध किए गए हैं. जबकि अधिकांश प्राइवेट मेंबर बिल मामूली चर्चा के बाद खारिज कर दिए जाते हैं, आजादी के बाद से अब तक संसद में ऐसे महज 14 बिल ही पारित किए गए हैं. आखिरी बार 1970 में किसी प्राइवेट बिल को मंजूरी दी गई थी.
नॉन-वेज खाने पर रोक की मांग क्यों?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, पश्चिमी दिल्ली से बीजेपी सांसद परवेश साहिब सिंह ने ऑफिशियल गवर्नमेंट मीटिंग्स एंड फंक्शन्स (Prohibition on Serving Non-Vegetarian Food) बिल को सूचीबद्ध किया है. परवेश के अनुसार, “जर्मनी के पर्यावरण मंत्रालय ने सरकारी बैठकों और कार्यक्रमों में मांसाहारी भोजन पर बैन लगाने को लेकर प्रस्ताव रखा है क्योंकि इसका जलवायु और ग्लोबल वार्मिंग पर बहुत बड़ा प्रभाव है. भारत में, हम नॉन-वेज खाने से दूर जाने की पहल कर सकते हैं.”
साथ ही बीजेपी सांसद ने यह भी रेखांकित किया कि “बिल आम लोगों के लिए नॉन-वेज भोजन पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग नहीं करता है. लेकिन कम से कम सरकार की ओर से, हम स्थायी खाद्य प्रणाली और जलवायु अनुकूल जीवन शैली की दिशा में एक कदम तो बढ़ा ही सकते हैं.”
एक अन्य बीजेपी सांसद तीरथ सिंह रावत ने देश के सभी स्कूलों में योग शुरू करने को लेकर एक बिल पेश करने की योजना बनाई है. इसी तरह बीजेपी सांसद रमा देवी प्राइवेट सेक्टर में रिश्वतखोरी को रोकने के लिए एक बिल पेश करने को तैयार हैं, जबकि कांग्रेस विधायक डीन कुरियाकोस वन्यजीव मुठभेड़ों के पीड़ितों को मुआवजे के भुगतान को लेकर बिल लाएंगे. कई संविधान संशोधन विधेयकों को भी प्राइवेट बिल के जरिए आगे बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
7 दिसंबर से 29 दिसंबर तक चलेगा सत्र
संसद का शीतकालीन सत्र अगले हफ्ते सात दिसंबर से शुरू होगा और यह 29 दिसंबर को खत्म होगा. लोकसभा और राज्य सभा ने पिछले महीने अलग-अलग अधिसूचनाएं जारी करके तारीखें अधिसूचित कर दी हैं. लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और सरकारी कामकाज के अनुरूप यह 29 दिसंबर को खत्म हो सकता है.
सूत्रों ने कहा कि सत्र पुराने संसद भवन में आयोजित होने की संभावना है, क्योंकि नए भवन का निर्माण साल के अंत तक खिंच सकता है. दोनों सदनों द्वारा जारी समान अधिसूचनाओं में कहा गया है, “सरकारी कामकाज की अनिवार्यताओं के अधीन, गुरुवार 29 दिसंबर को सत्र खत्म होने की संभावना है.”
हालांकि शीतकालीन सत्र अमूमन नवंबर के तीसरे हफ्ते में शुरु होता है और सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें आयोजित की जाती हैं, लेकिन ऐसे उदाहरण भी हैं जब 2017 और 2018 में सत्र का आयोजन दिसंबर में किया गया था.