
मुंबई। शिवसेना के ठाकरे गुट के नेता व पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने शुक्रवार को मुंबई के दादर में स्थित शिवसेना भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। इस प्रेस कान्फ्रेंस में उन्होंने मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) द्वारा दिए गए ४००
किलोमीटर के सड़क कंक्रीटीकरण के टेंडर में ६००० करोड़ का महा घोटाला होने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इस घोटाले के लिए सीधे तौर पर सीएम एकनाथ शिंदे को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने मांग की है कि छह हजार करोड़ के जो टेंडर दिए गए हैं उनकी जांच की जाए। आदित्य ठाकरे ने कहा कि फिलहाल बीएमसी में अभी कोई मेयर नहीं है। चुनाव होने हैं। बीएमसी में अभी एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त हैं। ऐसे में बीएमसी के फैसले सीएम के आदेश से ही लिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सड़कों के कंक्रीटीकरण के लिए तीन साल में छह हजार करोड़ के टेंडर दिए जाने की अपेक्षा थी। वे टेंडर एक साल के लिए ही निकाल दिए गए। वे टेंडर ५ हजार करोड़ के निकाले गए। लेकिन उस टेंडर को लेकर जब ठेकेदारों ने कोई उत्साह नहीं दिखाया तो वह टेंडर रद्द करना पड़ा और फिर से ६ हजार ८० करोड़ का टेंडर लाना पड़ा।
‘खोखे सरकार मुंबई का कर रही एटीएम की तरह इस्तेमाल’
आदित्य ठाकरे ने कहा कि सीएम को सड़कों के काम की कोई समझ नहीं है। खोके सरकार की तरफ से मुंबई को बस एटीएम की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। मुंबईकरों की मेहनत की कमाई की लूट शुरू है। ठेकेदारों को ४८ फीसदी फायदा पहुंचाने का काम किया जा रहा है।
‘ठेकेदारों को ४८ फीसदी का फायदा देकर पैसों की लूट’
आगे अपनी प्रेस क्रांफ्रेंस में आदित्य ठाकरे ने कहा कि मुंबई में सड़कों के काम १ अक्टूबर से ३१ मई के बीच हुआ करते हैं। यानी बारिश के बाद शुरू हुआ काम बारिश से पहले खत्म करना पड़ता है। लेकिन अब जो टेंडर दिए गए हैं, उसके हिसाब से तो काम फरवरी में ही शुरू हो पाएगा। ऐसे में यह बारिश से पहले कैसे खत्म हो पाएगा? मुख्यमंत्री को मुंबई में काम कैसे होता है, यही पता नहीं है। ठेकेदारों को आज तक इतना प्रॉफिट नहीं दिया गया। उन्हें ४८ फीसदी फायदे का जुगाड़ किया गया है।