
मुंबई। महाविकास आघाड़ी (एमवीए) की एक महत्वपूर्ण बैठक में शिवसेना (यूबीटी) गुट के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस नेताओं से सीधे सवाल किया कि अगर उनके पास मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा है, तो उसे सामने लाएं। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोल से कहा मुख्यमंत्री कौन होगा, आज आप बताएं? शरद पवार साहब, आप बताएँगे तो मैं समर्थन दूंगा। लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी एक-दूसरे की सीटें गिराने का काम न करे। हमें सभी को एकजुट होकर चुनाव लड़ना होगा।
उद्धव ठाकरे ने जोर देकर कहा कि महाविकास आघाड़ी को एक मुख्यमंत्री चेहरा तय करना चाहिए, और उन्होंने कहा कि वह उस चेहरे का समर्थन करेंगे। उन्होंने कांग्रेस और एनसीपी से आग्रह किया कि वे अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार सुझाएं। उद्धव ने कहा कि महाराष्ट्र की बेहतरी के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। उन्होंने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह ’50 खोखों’ और ‘गद्दारों’ को जवाब देना चाहते हैं कि महाराष्ट्र की जनता एमवीए को चाहती है, बीजेपी को नहीं।
बीजेपी पर उद्धव ठाकरे का हमला
उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर तीखा हमला करते हुए कहा, मैं घोषणा कर रहा हूं कि चाहे वह वक्फ बोर्ड हो या कोई मंदिर या अन्य धार्मिक संपत्ति, मैं किसी भी कीमत पर उन संपत्तियों को छूने नहीं दूंगा। यह मेरा वादा है। यह सिर्फ बोर्ड का सवाल नहीं है, बल्कि हमारे मंदिरों का भी मामला है। जैसा कि शंकराचार्य ने कहा कि केदारनाथ से 200 किलो सोना चोरी हो गया, इसकी भी जांच होनी चाहिए।
जयंत पाटिल ने भी साधा निशाना
एनसीपी (एसपी) के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने सही कहा है कि अगर हम सब एक रहेंगे, तो हमारी सरकार बनना तय है। उन्होंने बीजेपी पर भी हमला करते हुए कहा कि हिंदू मंदिरों की जमीनें लूटी जा रही हैं, और बीजेपी के कुछ विधायकों ने भी इन जमीनों पर कब्जा किया है। उन्होंने कहा मैंने दो बार इस विषय को विधानसभा में उठाया, लेकिन इन जमीनों का हक बिल्डरों को दिया गया। उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोल ने कहा, “एमवीए में झगड़ें लगाने का काम मीडिया के ज़रिए हो रहा है। उद्धव जी ने सवाल किया, लेकिन मैं कहता हूं कि महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री कौन होगा, यह सभी बड़े नेता बैठकर चर्चा कर तय करेंगे। हमारी प्राथमिकता महाराष्ट्र का स्वाभिमान बेचने वाली सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। इस बैठक में महाविकास आघाड़ी के कई प्रमुख नेता मौजूद थे, जिनमें उद्धव ठाकरे, शरद पवार, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहेब थोरात, जयंत पाटिल, संजय राउत, सुप्रिया सुले, और आदित्य ठाकरे शामिल थे।