नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी ने अडानी समूह के कथित घोटाले को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं और मामले की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को सौंपे जाने की मांग की है। पार्टी ने कहा कि यह घोटाला बहुत बड़ा है, और अब इसमें जांचकर्ताओं के नाम भी आ रहे हैं, जिससे निष्पक्ष जांच की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर पेज पर रविवार को कहा, अडानी महाघोटाले की जांच प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) को दी गई है। अब खबर है कि सेबी की चीफ माधवी पुरी बुच भी अदानी महा घोटाले में शामिल हैं। मतलब, घोटाले की जांच करने वाला ही घोटाले में शामिल है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह अपने उद्योगपति मित्र अडानी को बचाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। पार्टी ने कहा, “साफ है कि मोदी ने जांच के नाम पर अपने ‘परम मित्र’ को बचाने की साजिश रची है। इस महाघोटाले की सही जांच सिर्फ जेपीसी से हो सकती है, लेकिन मोदी सरकार जेपीसी बनाने को तैयार नहीं है। कांग्रेस के संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने भी एक बयान में कहा कि हिडनबर्ग रिसर्च में हुए खुलासे से पता चला है कि सेबी प्रमुख माधवी पुरी बुच और उनके पति ने जिस कंपनी में निवेश किया था, उसी कंपनी में विनोद अडानी और उनके करीबियों ने सेबी के नियमों का उल्लंघन कर निवेश किया था। रमेश ने भी इस मामले की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग की है। कांग्रेस का कहना है कि जब तक जेपीसी के माध्यम से इस मामले की स्वतंत्र जांच नहीं होती, तब तक सच सामने नहीं आ पाएगा। पार्टी ने सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री मोदी कब तक अदानी को बचा पाएंगे, क्योंकि एक न एक दिन सच सामने आकर रहेगा।