
मुंबई। मुंबई में सार्वजनिक निकाय बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति और परिवहन (बेस्ट) द्वारा नियुक्त निजी बस चालकों ने मंगलवार को सात दिनों के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली। निजी बस ऑपरेटरों के ड्राइवरों ने दावा किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उन्हें उनकी वेतन वृद्धि और अन्य मांगें मान ली हैं और उनको पूरा करने का आश्वासन दिया है।
सीएम शिंदे ने मांगी चालकों की मांगें
इन संविदा ड्राइवरों के हड़ताल वापस होने के बाद लाखों बस यात्रियों को राहत मिलेगी, हड़ताल से 500 से ज्यादा बसें सड़कों पर नहीं थीं, जिस कारण यात्रियों को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा था। संविदा कर्मचारियों के एक प्रतिनिधि ने आजाद मैदान में मीडिया को बताया कि उनका प्रतिनिधिमंडल सोमवार आधी रात के बाद सीएम शिंदे से मिला। प्रतिनिधि ने कहा कि शिंदे ने आश्वासन दिया कि आंदोलनकारी कर्मचारियों की मांगें पूरी की जाएंगी। निजी बस ऑपरेटरों के कर्मचारियों के एक समूह के समन्वयक विकास खरमाले ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वेतन वृद्धि, बोनस, छुट्टियों और मुफ्त बस यात्रा के बारे में हमारी प्राथमिक मांगों को स्वीकार कर लिया गया है। इसलिए हड़ताल वापस ले ली गई है। निजी बस ऑपरेटरों के ड्राइवर समेत कर्मचारी वेतन वृद्धि और बेस्ट कर्मचारियों के बराबर वेतन देने समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे।
सीएम ने वेतन वृद्धि, दिवाली बोनस जैसी मांगे मानी
विकास खरमाले ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वेतन वृद्धि, साप्ताहिक अवकाश, वार्षिक वेतन अवकाश, दिवाली बोनस और अन्य मांगों पर सहमत हो गए हैं। उन्होंने कहा कि सीएम ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि विरोध करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की जाएगी और न ही उन दिनों का वेतन काटा जाएगा। साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें नियमित बेस्ट कर्मचारियों की तरह मुफ्त बस पास सुविधा देने का भी आश्वासन दिया। खरमाले ने कहा कि सीएम ने बेस्ट उपक्रम में स्थायी नौकरियों की उनकी मुख्य मांग पर बातचीत के बाद कोई रास्ता निकालने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि इसलिए हमने अपना आंदोलन वापस लेने की घोषणा की। हम सभी कर्मचारियों से अपने-अपने डिपो में फिर से ड्यूटी पर लौटने की अपील करते हैं। साथ ही बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें यह भी आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से श्रम आयुक्त के साथ बैठक करेंगे और मंगलवार को ही समाधान निकालेंगे। निजी बस ऑपरेटरों के कर्मचारियों के मुताबिक, शिंदे के निर्देश पर ठाणे के पूर्व मेयर नरेश म्हस्के ने पहले उनकी मांगें सुनीं और फिर उन्हें सोमवार रात सीएम के साथ बैठक के लिए बुलाया।
कुछ यात्रियों ने की शिकायतें
हड़ताल के कारण यात्रियों को कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे सड़कों पर चलने वाली बसों की संख्या कम हो गई है, सेवा आवृत्ति प्रभावित हुई है, जिसके परिणामस्वरूप जो बसें चल रही हैं उनमें अत्यधिक भीड़ है। कुछ यात्रियों ने यह भी शिकायत की कि उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए ऑटो-रिक्शा और टैक्सी लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।