
मुंबई। आश्रमशालाओं के माध्यम से अच्छे विद्यार्थियों को गढ़ने के प्रयास लगातार जारी हैं। इसलिए, अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण विभाग द्वारा संचालित विमुक्त जाति और भटक्या जमाती (विजाभज) वर्ग की निवासी आश्रमशालाओं की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाया जाएगा, यह बात अन्य पिछड़ा बहुजन कल्याण मंत्री अतुल सावे ने कही। मंत्रालय में मंत्री अतुल सावे की अध्यक्षता में विजाभज वर्ग की निजी अनुदानित निवासी आश्रमशालाओं की समस्याओं को लेकर बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभाग की प्रधान सचिव विनीता वेद सिंगल, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित आश्रमशालाओं के संचालक उपस्थित थे। मंत्री सावे ने कहा कि आश्रमशालाओं के लंबित अनुदानों का वितरण जल्द ही चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। शिक्षण विभाग के साथ संचमान्यता (पोस्ट स्वीकृति) को लेकर बैठक की जाएगी। संचमान्यता और वेतन अनुदान के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं और प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही रिक्त पदों की सूची बनाई जाए। संचालकों द्वारा प्रस्तुत समस्याओं को हल करने के लिए उपयुक्त कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इन आश्रमशालाओं को मुख्यमंत्री श्री योजना में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया जाए और सभी छात्रों के आयुष्मान भारत कार्ड बनाए जाएं। साथ ही छात्रों के लिए राज्य, विभाग और जिले स्तर पर खेल स्पर्धाओं का आयोजन किया जाए। इस बैठक में महिला अधीक्षकों की नियुक्ति, रिक्त पदों की भरती, सौर ऊर्जा का उपयोग, सीएमश्री योजना में समावेश, खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन और आश्रमशाला संहिता पर भी सकारात्मक चर्चा हुई।