मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षाओं पर संदेह व्यक्त किया। शरद पवार ने इन आकांक्षाओं को एक “सपने” से अधिक कुछ नहीं कहकर खारिज कर दिया और कहा कि वे कभी भी साकार नहीं होंगी। अजित पवार वर्तमान में उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, राज्य में शीर्ष पद पर पदोन्नति की अपनी इच्छा के बारे में काफी मुखर रहे हैं। अजित पवार और शरद पवार के रिश्तों में खटास तब आ गया था जब भतीजे अजित पार्टी के कुछ विधायकों का समर्थन हासिल कर एकनाथ शिंदे और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गए। इसे एनसीपी में बड़ी फुट माना गया। हालांकि, लगातार शरद पवार की ओर से एनसीपी में फूट से इनकार किया जाता रहा है। शरद पवार ने कहा कि अजित पवार केवल सपने में ही मुख्यमंत्री बनेंगे। 64 साल की उम्र में अजित पवार ने कई मौकों पर अपने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं और खुले तौर पर मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने की अपनी उत्सुकता जाहिर की है। बाद में उन्होंने “संख्या के खेल” के महत्व को स्वीकार करते हुए स्वीकार किया कि यह लक्ष्य केवल विधान सभा के सदस्यों से आवश्यक समर्थन हासिल करके ही हासिल किया जा सकता है। शरद पवार की हालिया घोषणा ने उनके भतीजे की बेलगाम महत्वाकांक्षाओं और उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण झटका दिया है, जिन्होंने तत्काल नहीं तो भावी मुख्यमंत्री की भूमिका के लिए उनकी उम्मीदवारी का उत्साहपूर्वक समर्थन किया है। पवार ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का देश के 70 प्रतिशत राज्यों में शासन नहीं है और वह महाराष्ट्र की सत्ता भी गंवा देगी। उन्होंने विश्वास जताया कि महा विकास आघाडी (एमवीए) 2024 के चुनाव के बाद महाराष्ट्र की सत्ता में आएगा। एमवीए में राकांपा के अलावा शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस दो अन्य घटक हैं। शरद पवार ने कहा कि भाजपा कुछ राज्यों में अन्य दलों को तोड़कर सत्ता में आई, लेकिन उसका 70 प्रतिशत राज्यों में शासन नहीं है। वंचित बहुजन आघाडी नेता प्रकाश आंबेडकर के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल होने पर शरद पवार ने कहा कि वह इसको लेकर सकारात्मक हैं। उन्होंने रेखांकित किया कि उनके पूर्व सहयोगी छगन भुजबल ने एक बार सुप्रिया सुले को राकांपा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव किया था लेकिन भुजबल ने अब खुद पाला बदल लिया है।