Wednesday, October 23, 2024
Google search engine
HomeMaharashtraसंजय राठौड़ के एफडीए मंत्री बनने के बाद से एफडीए के बुरे...

संजय राठौड़ के एफडीए मंत्री बनने के बाद से एफडीए के बुरे हलात!

मंत्री कार्यालय द्वारा किया जा रहा हैं आयुक्त के अधिकारों का हनन

मुंबई। महाराष्ट्र अन्न व औषध प्रशासन(एफडीए) में सब कुछ सही चल रहा है यह कह पाना मुश्किल है। जब से शिंदे-फडणवीस सरकार बनी और इस सरकार में एफडीए मंत्री संजय राठोड़ को बनाया गया तब से एफडीए कार्यरत
अधिकारियों का मनोबल गिरता जा रहा है। यहीं नहीं एफडीए आयुक्त भी सिर्फ नाम के रह गए है। इनका सारा काम मंत्री महोदय के कार्यालय से डिसाइड होता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि एक प्रकार से मंत्री महोदय के कार्यालय में कार्यरत ओएसडी वसूली गैंग के रूप में काम कर रहे है! जिसके चलते एफडीए अधिकारियों में दहशत का माहौल व्याप्त है। जिसका परिणाम आम आदमियों पर पड़ रहा है। एक तरफ एफडीए मे अधिकारियों की भारी कमी हैं तो दूसरी तरफ मंत्री कार्यालय द्वारा एफडीए आयुक्त के अधिकारो का हनन किया जा रहा हैं। बता दें कि २६ फरवरी २०२३ को सह आयुक्त (विधि)चंद्रकांत थोरात ने सभी विभागीय कार्यालय प्रमुख को ज्ञापन जारी किया कि एफडीए के ए व बी ग्रुप के रिक्त पद का अतिरिक्त चार्ज देने से पहले शासन मान्यता लेनी जरूरी है। जिसका परिणाम यह हुआ कि आज कई पद खाली पड़े है। जिसके चलते लाइसेंस, कारण बताओ नोटिस व अन्य कार्यो पर प्रभाव पड़ा है। बता दे कि एफडीए मुंबइ मंडल के सह आयुक्त (अन्न) शशिकांत केकरे ३१ मई को सेवानिवृत्त हुए। लेकिन बुधवार शाम ४ बजे तक इस पद का प्रभार किसी को सौंपा नहीं गया। यहीं नही कोकण मंडल में सहायक आयुक्त (अन्न) पारधी भी सेवानिवृत्त हुए और सहायक आयुक्त ठाणे-१ धनंजय काडगे ने अप्रैल २०२३ में समय पूर्व रिटायमेंट ले लिया। इन जगहों पर अभी किसी अधिकारी को कार्यप्रभार नही दिया गया। जब कि २६ फरवरी २०२३ से पहले अतिरिक्त प्रभार देने का अधिकार एफडीए आयुक्त व सह आयुक्त के पास हुआ करता था। और किसी अधिकारी के छुट्टी पर जाने या सेवानिवृत्त होने पर दूसरे अधिकारी को अतिरिक्त प्रभार दिया जाता था। जिससे आम आदमी को किसी प्रकार तकलीफ नही होती थी। लेकिन जब से मंत्री महोदय के यहा से आदेश हुआ है। वहीं एक अधिकारी ने नाम न छापने कि शर्त पर बताया कि कहने के लिए आयुक्त कार्यालय से प्रस्ताव भेजा जाता है। लेकिन ज्यादातर नाम मंत्री कार्यालय से आता हैं! आज स्थिति ऐसी हो गई हैं कि कोई अधिकारी अतिरिक्त प्रभार लेने या मांगने मंत्री कार्यालय नही जा रहे है। जिसके पीछे का कारण हम बताना नही चाहते। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अगर ओएसडी व अन्य अधिकारियों का सीडीआर निकाल कर जांच की जाए तो बड़े खुलासे हो सकते है। अधिकारियों की बदली में बड़े पैमाने पर लेने देना की बात सामने आ रहीं है। कई सहायक आयुक्तों व अन्न सुरक्षा अधिकारी, औषध निरीक्षक की बदली इंटरनल की गई। किस नियम के तहत की गई है? इसके साथ ही साथ कई अधिकारियों कि बदली अभी बाकी। जो होनी हैं। ज्ञात हो कि विगत माह महाराष्ट्र स्टेट ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर एफडीए मंत्री संजय राठौर के कार्यालय में भ्रष्टाचार को रोक लगाने की मांग की थी। एसोसिएशन का कहना था कि मंत्री संजय राठौड़ का कार्यालय मंत्रालय नहीं बल्कि भ्रष्टाचार कार्यालय’ है। जो जांच का विषय है। लेकिन सवाल यह उठता हैं कि मंत्री कार्यालय की जांच करेगा कौन ?

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments