
मीरा-भायंदर। मीरा-भायंदर महानगरपालिका ने सामाजिक समावेशन और संवेदनशील प्रशासन का परिचय देते हुए झोपड़पट्टी में रहने वाले दिव्यांग नागरिकों के लिए पुनर्वसन की दिशा में एक अहम कदम उठाया है। 16 जून 2025 को, आरक्षण क्रमांक 300 (पूर्व में खेल मैदान के लिए आरक्षित क्षेत्र) में चार दिव्यांग लाभार्थियों को पुनर्वसन प्रकल्प के अंतर्गत नवनिर्मित सदनियों की चाबियाँ सौंपी गईं। इस अवसर पर महानगरपालिका के आयुक्त और प्रशासक राधाबिनोद शर्मा, शहर अभियंता दीपक खांबित समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह क्षेत्र, जो शहरी विकास योजना के तहत “खेल का मैदान” के रूप में सुरक्षित किया गया था, वर्षों से झोपड़पट्टीनिवासियों का आश्रय बना हुआ था। इनमें से 17 निवासी दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं। महानगरपालिका ने इन वंचित नागरिकों के पुनर्वसन को प्राथमिकता देते हुए एक विशेष प्रशासनिक प्रस्ताव के तहत ‘कक्कड़ हाउसिंग’ नामक परियोजना में इनकी पुनर्स्थापना की योजना बनाई। इस परियोजना के प्रथम चरण में चार दिव्यांग नागरिकों को नवनिर्मित आवास उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उन्हें सुरक्षित आवास, स्थिरता और आत्मसम्मान की भावना प्राप्त हुई है। महानगरपालिका के अनुसार, पुनर्वसन की यह प्रक्रिया आगे भी जारी रहेगी और अन्य पात्र लाभार्थियों को जल्द ही उनके नए घर सौंपे जाएंगे। नगर प्रशासन द्वारा उठाया गया यह कदम न केवल एक सकारात्मक सामाजिक पहल है, बल्कि यह दिव्यांगजन अधिकारों और समान अवसरों के सिद्धांतों की दिशा में एक उल्लेखनीय उदाहरण भी बनता है। इस पहल को स्थानीय समुदायों और सामाजिक संगठनों द्वारा सराहना मिल रही है।