मुंबई। महाराष्ट्र में अजित पवार की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शरद पवार की अगुआई वाली एनसीपी में लड़ाई थमने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने को राजनीतिक लाभ के लिए उनके नाम और तस्वीरों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली शरद पवार समूह की याचिका पर उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी गुट से जवाब मांगा है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने अजित पवार गुट से शरद पवार की याचिका पर शनिवार तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा और आगे की सुनवाई के लिए 19 मार्च की तारीख तय की है। अदालत ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व वाले समूह को असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के रूप में मान्यता देने के चुनाव आयोग के 6 फरवरी के आदेश के खिलाफ शरद पवार की याचिका पर अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट से भी जवाब मांगा था। पीठ ने कहा, हमें स्पष्ट, बिना शर्त आश्वासन चाहिए कि शरद पवार के नाम, तस्वीरों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। इससे पहले शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया था कि शरद पवार गुट के लिए पार्टी का नाम ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार’ आवंटित करने का निर्वाचन आयोग का सात फरवरी का आदेश अगले आदेश तक जारी रहेगा। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अब आप एक अलग राजनीतिक दल हैं इसलिए उनकी तस्वीर का उपयोग क्यों करें। अब अपनी पहचान के साथ जाएं। आपने उनके साथ नहीं रहने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, अब अपने कार्यकर्ताओं को नियंत्रित करना आपका काम है। जब चुनाव आता है तो आपको उनके नाम की जरूरत होती है और जब चुनाव नहीं होते तो आपको उनकी जरूरत नहीं होती। चूंकि अब आपकी एक स्वतंत्र पहचान है तो आपको उसी के साथ आगे बढ़ना चाहिए।