मुंबई। एनसीपी का असली बॉस कौन इसपर अब सोमवार से दोबारा सुनवाई शुरू होगी। उसके लिए शरद पवार और सुप्रिया सुले दिल्ली जाएंगे। साथ ही दिल्ली में शरद पवार गुट की बैठक भी होने की संभावना है। बता दें कि पूरे विवाद की शुरुआत तब हुई जब अजित पवार बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार में अजित पवार शामिल हो गए थे इसके बाद अजित पवार ने एनसीपी पर अपना दावा भी ठोकते हुए चुनाव आयोग में याचिका दायर की थी। इस याचिका और दावे में कहा गया था कि अजित पवार को एनसीपी का अध्यक्ष बनाया जाना चाहिए एवं चुनाव चिह्न आदेश, 1968 के प्रावधानों के तहत उनकी पार्टी को चुनाव चिन्ह दिया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि 2 नवंबर को चुनाव आयोग के सामने सुनवाई हुई। अभिषेक मनु सिंघवी ने दो घंटे तक बहस की। इसमें उन्होंने अजित पवार गुट पर कई गंभीर आरोप लगाए। बहस करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि अजित पवार गुट की ओर से झूठा हलफनामा दाखिल किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया था कि मृत व्यक्तियों के नाम से शपथ पत्र दिये गये हैं। सिंघवी ने नाबालिग बच्चों के हलफनामे दाखिल करने का भी दावा किया। उन्होंने दलील दी कि अजित पवार को कोई समर्थन नहीं है। इस बीच, अजित पवार गुट ने मांग की कि सुनवाई लगातार होनी चाहिए। इसलिए संभावना है कि 20 नवंबर से लगातार सुनवाई शुरू होगी। सांसद सुनील तटकरे ने कहा था कि हम सुनवाई में कुछ तकनीकी बातें आयोग के सामने लाएंगे। भतीजे अजित पवार के दावे का चाचा शरद पवार ने चुनाव आयोग कड़ा विरोध किया था। बता दें कि निर्वाचन आयोग ने शरद पवार गुट को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, क्योंकि अजित पवार गुट की ओर से याचिका दायर की थी।