
वृंदावन, उत्तर प्रदेश। मथुरा के वृंदावन में शनिवार की रात वृंदावन ने श्रद्धा और भक्ति का ऐसा अद्वितीय दृश्य देखा, जिसकी मिसाल इससे पहले शायद ही कभी देखने को मिली हो। संत प्रेमानंद महाराज के दर्शन और पदयात्रा हेतु देशभर से आए भक्तों का सैलाब वृंदावन की सड़कों पर उमड़ पड़ा। अनुमानित रूप से एक से डेढ़ लाख श्रद्धालु इस दिव्य आयोजन में शामिल हुए। दो किलोमीटर लंबा मार्ग श्रद्धालुओं से इस प्रकार खचाखच भर गया कि पैरों के लिए भी जगह नहीं थी। रात लगभग ढाई बजे जैसे ही प्रेमानंद महाराज पदयात्रा के लिए निकले, पूरा वातावरण ‘राधे-राधे’ के जयघोष से गुंजायमान हो उठा। भक्तों ने महाराज की अगवानी पुष्पवर्षा के साथ की। कई लोग दीवारों और इमारतों की छतों पर चढ़कर उनके दर्शन करने लगे। भीड़ का घनत्व इतना अधिक था कि सामान्यतः कुछ ही मिनटों में पूरी होने वाली इस पदयात्रा को पूरा करने में महाराज को एक घंटे से अधिक का समय लग गया। संत के गुजरने के बाद श्रद्धालुओं की भक्ति का भाव अलग ही स्तर पर दिखाई दिया। भक्तों ने वह पुष्प उठा लिए जिन पर महाराज के चरण पड़े थे, और उन्हें अपने लिए सौभाग्य का प्रतीक माना। वृंदावन की इस रात्रि यात्रा ने यह एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि यहां आस्था का प्रवाह कितना प्रबल है।




