पुणे। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने शुक्रवार को राज्य में सड़कों की स्थिति पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जब तक लोग चुनाव में सही उम्मीदवार का चयन नहीं करेंगे, तब तक सड़कों की स्थिति में सुधार नहीं होगा। मनसे राज्य में सड़कों के गड्ढों और खराब स्थिति का मुद्दा अक्सर उठाती है। ठाकरे ने पत्रकारों से कहा गड्ढे कोई नई बात नहीं हैं। ये पिछले कई सालों से हैं और आम आदमी इनसे होकर गुजरता है। उन्होंने कहा मेरे लिए इससे भी अधिक आश्चर्य की बात यह है कि नागरिक उन जन प्रतिनिधियों को चुनते हैं जो हर बार सड़कों का मुद्दा उठाते हैं और वोट मांगते हैं…लोग उन्हें जाति, धर्म या अन्य चीजों के आधार पर चुनते हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा तो इन मुद्दों का कभी भी समाधान नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जब तक चुनाव के दौरान लोगों का गुस्सा वोटों के रूप में सामने नहीं आएगा, गड्ढों की समस्या का समाधान नहीं होगा। ठाकरे ने कहा कि मनसे सड़कों की खराब स्थिति के खिलाफ आंदोलन चलाती रही है- चाहे वह मुंबई-गोवा राजमार्ग हो या नासिक की सड़कें। उन्होंने कहा मनसे ने (पूर्व में) विभिन्न मुद्दों पर कई आंदोलन किए, लेकिन हमें क्या मिला? जबकि राज्य को नुकसान पहुंचाने वाले लोग निर्वाचित हो रहे हैं…मैं आश्चर्यचकित हूं।
क्या राज ठाकरे लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?
विजय वड्डेटीवार के अनुसार, राज ठाकरे अपने पार्टी का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। यह हर राजनीतिक पार्टी की कोशिश होती है। उनके हाल के बयान यह बता रहे है कि बीजेपी से उनका मोह भंग हो गया है। राज्य में 4 मुख्य दल हैं जिनमें 2 में फुट पड़ चुकी है। ऐसे में राज ठाकरे इस गैप को भरने की कोशिश कर सकते हैं। अगर राज ठाकरे की ओर से उद्धव या कांग्रेस को कोई प्रस्ताव आया तब हम निर्णय लेंगे। हाल ही में उद्धव और राज ठाकरे के बीच तल्खी कम होने और उनके साथ आने की भी खबरें हैं।