
मुंबई। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा लगातार गरमा रहा है, और इस पर मराठा प्रदर्शनकारी अब सभी दलों के नेताओं से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग कर रहे हैं। इसी कड़ी में मंगलवार को नागपुर के कुछ प्रदर्शनकारी मातोश्री पहुंचे और उद्धव ठाकरे से मुलाकात कर अपनी बात रखी। उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि आरक्षण संसद के जरिए मिलना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा पहले बिहार में आरक्षण दिया गया था, जिसे कोर्ट ने हटा दिया। इसलिए अगर आरक्षण की सीमा बढ़ानी है तो इस मुद्दे को लोकसभा में ही सुलझाया जा सकता है। मैं अपना सांसद देने को तैयार हूं, साथ आने को तैयार हूं। मराठा, ओबीसी सभी को पीएम मोदी के पास जाना चाहिए क्योंकि पीएम मोदी खुद कहते हैं कि मैं पिछड़े वर्ग से आता हूं। वह बचपन में गरीब थे, वह गरीबी का संघर्ष जानते हैं इसलिए आरक्षण के मामले में मोदी जो फैसला देंगे, हम उसे स्वीकार करते हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा अगर लोकसभा में आरक्षण बढ़ाने का कोई समाधान हो तो आज मैं सर्वसम्मत समर्थन देने को तैयार हूं। मैं ईमानदारी से महसूस करता हूं कि मराठा प्रदर्शनकारियों को न्याय मिलना चाहिए। लेकिन, मुझे नहीं लगता कि जब ये शासक राज्य में होंगे तो उन्हें वह न्याय मिलेगा। मैं एक बार फिर दोहराता हूं, राज्यों को आरक्षण देने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा मोदी आरक्षण पर कोई समाधान निकालें, मैं इसका समर्थन करूंगा। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि यहां आपस में लड़ने की बजाय सभी को दिल्ली जाकर मोदी के सामने यह मुद्दा उठाना चाहिए।