वी बी माणिक
मुंबई। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है। वैसे-वैसे भाजपा छोड़ सभी राजनीतिक दलों में भगदड़ मची हुई है। क्या अधिकांश नेता चुनाव की वजह से या ईडी और सीबीआई के डर के कारण भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो रहे है। मुंबई ही नही पूरे महाराष्ट्र के अंदर कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना के अधिकांश भ्रष्ट नेता भाजपा के साबुन से अपनी धुलाई करके भ्रष्टाचार से मुक्ति पा रहे है। क्या ये नेता अपना भविष्य चौपट नही कर रहे है? वही भाजपा के पास भी नेताओ और कार्यकर्ताओं का काफी अभाव है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण कांग्रेस से भाजपा में शामिल होते ही राज्यसभा सदस्य के लिए भेज दिए गए। वही दूसरी ओर कांग्रेस से बीजेपी में आये कृपा शंकर सिंह को अभी तक पार्टी में एक पद देकर बिठाए रखा है। अगर ऐसे ही उत्तर भारतीयों के साथ सौतेला व्यवहार करते रहेंगे तो महाराष्ट्र में भाजपा के लिए आने वाले चुनाव में काफी परेशानी खड़ी हो सकती है! भाजपा को शिंदे और पवार की जोड़ी इनके लिए भारी पड़ेगी। जनता में चर्चा का विषय बना हुआ है कि जो अपनी पार्टी का नही हुआ वो भाजपा का क्या होगा? इनको तो ईडी और सीबीआई से अपनी जान बचना है। महाराष्ट्र में भाजपा के लिए आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव काफी महंगे साबित हों सकता है।