
मुंबई। विपणन मंत्री जयकुमार रावल ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के वरिष्ठ अधिकारियों को आश्वस्त किया कि महाराष्ट्र कृषि व्यवसाय नेटवर्क परियोजना (मैग्नेट) के चलते राज्य में निवेश और रोज़गार में बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को मंत्रालय में हुई बैठक की अध्यक्षता उन्होंने की, जिसमें परियोजना की प्रगति की समीक्षा की गई।
राज्य की 15 बागवानी फसलों के लिए एकीकृत मूल्य श्रृंखला
मैग्नेट परियोजना, एडीबीऔर विपणन विभाग के सहयोग से, राज्य के सभी जिलों में लागू की जा रही है। इसके तहत 14 प्रमुख फल फसलों और सभी प्रकार के फूलों को शामिल किया गया है। इनमें अनार, केला, संतरा, नींबू, सीताफल, अमरूद, चना, स्ट्रॉबेरी, भिंडी, मिर्च, आम, काजू और पडवल प्रमुख हैं। इस परियोजना के माध्यम से उत्पादन से लेकर उपभोक्ता वितरण तक एकीकृत मूल्य श्रृंखला तैयार की जा रही है। इसमें किसान उत्पादक संगठन (FPOs), निर्यातक, प्रसंस्करणकर्ता, खुदरा विक्रेता, लघु-मध्यम उद्यमी, वित्तीय संस्थान और स्वयं सहायता समूहों की सक्रिय भागीदारी है।
किसानों की आय और निवेश पर फोकस
परियोजना का मुख्य उद्देश्य फलों और सब्जियों की कटाई के बाद नुकसान कम करना, भंडारण क्षमता बढ़ाना, मूल्य संवर्धन करना और किसानों की आय में वृद्धि करना है। एडीबी इसके लिए तकनीकी सहायता, बुनियादी ढांचा, मध्यम अवधि के ऋण और कार्यशील पूंजी उपलब्ध करवा रहा है।
वित्तीय ढाँचा और कार्यकाल
मैग्नेट परियोजना का वित्तीय ढांचा 142.9 मिलियन अमेरिकी डॉलर का है। यह परियोजना 2021-22 से 2027-28 तक लागू रहेगी। बैठक में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की गई और आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि मैग्नेट 2.0 परियोजना की विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत सर्वोत्तम कृषि तकनीक, पैकेजिंग, ब्रांडिंग, कार्बन क्रेडिट, कॉरिडोर बागवानी मूल्य श्रृंखला और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार से जुड़ाव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। साथ ही, महाराष्ट्र राज्य कृषि विपणन बोर्ड को संस्थागत रूप से और मज़बूत बनाने की योजना है।