Saturday, November 22, 2025
Google search engine
HomeBusinessमहाराष्ट्र में जीसीसी नीति को मंजूरी, 50,600 करोड़ निवेश और 4 लाख...

महाराष्ट्र में जीसीसी नीति को मंजूरी, 50,600 करोड़ निवेश और 4 लाख रोजगार की संभावना

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी विकास को गति देने तथा प्रशासनिक गतिशीलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) नीति 2025 को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस नीति को स्वीकृति दी गई। इसके तहत राज्य में लगभग 50,600 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित होने और करीब 4 लाख नए रोजगार अवसर सृजित होने की संभावना है। यह नीति 2025 से 2030 तक लागू रहेगी।
भारत में जीसीसी तेजी से बढ़ते उद्योग क्षेत्र का अहम हिस्सा बन चुके हैं। वर्ष 2021 में देशभर में जीसीसी की संख्या लगभग 1,200 थी, जो अब 1,900 से अधिक हो चुकी है। इन केंद्रों ने 19 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है। महाराष्ट्र में फिलहाल 400 जीसीसी सक्रिय हैं, जिनसे लगभग 4 लाख लोगों को रोजगार मिला है। नई नीति के तहत अगले पांच वर्षों में राज्य में 400 नए जीसीसी स्थापित करने, 4 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजित करने, उच्च मूल्य वैश्विक निवेश आकर्षित करने, डिजिटल डेटाबैंक और विश्व स्तरीय वित्तीय केंद्र विकसित करने तथा नाशिक, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर जैसे टियर-2 और टियर-3 शहरों में जीसीसी का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह नीति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण के अनुरूप तैयार की गई है, जिसमें 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य है। इसके तहत अनुसंधान को बढ़ावा देने, उच्च मूल्य ज्ञान-आधारित निवेश आकर्षित करने, व्यवसाय सुगमता सुनिश्चित करने, संस्थागत संरचना को सुदृढ़ करने और केंद्र एवं राज्य सरकार की नीतियों का एकीकरण करने की योजना है। जीसीसी नीति से अंतरिक्ष और रक्षा, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, रत्न एवं आभूषण, लॉजिस्टिक्स, धातु खनन, औषधि निर्माण एवं रसायन, नवीकरणीय ऊर्जा, वस्त्र उद्योग, सूचना प्रौद्योगिकी और ऑटोमोबाइल जैसे प्राथमिक क्षेत्रों को विशेष गति मिलने की उम्मीद है। सरकार ने जीसीसी से संबंधित परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त फ्लोर स्पेस, आधारभूत संरचना कोष, औद्योगिक क्षेत्रों में आरक्षित भूखंड, निर्बाध जल व बिजली आपूर्ति, कार्य समय में लचीलापन और संपत्ति कर में प्रोत्साहन जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने पहले ही स्वतंत्र जीसीसी नीति लागू की है। ऐसे में महाराष्ट्र सरकार का मानना है कि नई नीति से राज्य उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में अग्रणी स्थान बनाए रखने में सक्षम होगा और वैश्विक निवेश आकर्षित करने की प्रतिस्पर्धा में और मजबूत होगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments