मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन ने सोमवार को स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर रामकृष्ण मठ और मिशन मुंबई द्वारा आयोजित ‘विवेक कार्यशाला’ का उद्घाटन किया। खार पश्चिम स्थित रामकृष्ण मिशन हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने युवाओं और छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि जन्म से ही हम समाज से सब कुछ लेते हैं, इसलिए समाज का ऋण चुकाना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। राज्यपाल ने आत्म-अनुशासन, जिम्मेदारी और समाज सेवा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि युवाओं को सफलता के लिए इन मूल्यों को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। राज्यपाल ने रामकृष्ण मिशन की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था अनुशासन, भक्ति, जिम्मेदारी और सर्वधर्म सद्भाव का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने मिशन की इस बात के लिए सराहना की कि उसने दान का पारदर्शी उपयोग समुदाय के सामने प्रस्तुत किया है। अपने अनुभव साझा करते हुए राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा, पहले, जब मैं परिधान निर्यातक था, तो बिजनेस क्लास में यात्रा करता था क्योंकि पैसा मेरा अपना था। लेकिन अब, राज्यपाल बनने के बाद, मैं इकॉनमी क्लास में यात्रा करता हूं, क्योंकि खर्च आम जनता का पैसा है। इस अवसर पर रामकृष्ण मिशन मुंबई के अध्यक्ष स्वामी सत्यदेवानंद ने स्वागत भाषण दिया, जबकि मिशन के चैरिटेबल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. स्वामी दयाधिपानंद ने अस्पताल और युवाओं से जुड़ी गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। मिशन प्रबंधक स्वामी तन्नमानंद ने बेलूर मठ में आयोजित वार्षिक बैठक की रिपोर्ट पढ़ी। कार्यक्रम का संचालन शांतनु चौधरी ने किया, जबकि विवेकानंद अध्ययन मंडल के सदस्य डॉ. हार्दिक गुप्ता और आराधना धर ने अपने विचार साझा किए। धन्यवाद ज्ञापन रामकृष्ण मिशन मुंबई के सहायक सचिव स्वामी देवकान्त्यानंद ने दिया। इस कार्यक्रम में मिशन के वरिष्ठ भिक्षुओं, विवेकानंद अध्ययन मंडल के सदस्यों और स्कूली छात्रों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।