Friday, October 18, 2024
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सुप्रीम कोर्ट का महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश

31 दिसंबर तक शिवसेना और 31 जनवरी तक एनसीपी विधायकों की अयोग्यता पर लें फैसला

नई दिल्ली। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायकों की अयोग्यता को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बड़ा आदेश दिया। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड ने एक बार फिर महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर की कार्यशैली पर सवाल उठाए। साथ ही शीर्ष कोर्ट ने दोनों मामलों पर फैसला लेने की समय सीमा तय की। इस दौरान चीफ जस्टिस चंद्रचूड ने स्पीकर द्वारा अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पेश किए गए नये शेड्यूल को भी खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक फैसला करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान स्पीकर को कड़ी फटकार भी लगाई गयी। साथ ही स्पीकर के उस प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि वह अयोग्यता याचिकाओं पर कार्यवाही 29 फरवरी 2024 तक खत्म कर सकते हैं। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर से अजित पवार गुट के नेतृत्व वाले एनसीपी विधायकों के खिलाफ शरद पवार के अगुवाई वाले गुट की ओर से दायर अयोग्यता याचिकाओं पर 31 जनवरी 2024 तक फैसला करने को निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट में आज उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना और एनसीपी (शरद पवार) की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। दोनों दलों ने अपनी याचिका में स्पीकर पर अयोग्यता मामले की सुनवाई में देरी करने का आरोप लगाया था। कई सुनवाइयों के बाद आज सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को निर्देश दिया कि वह शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में 31 दिसंबर तक फैसला लें। वहीं एनसीपी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग वाली याचिकाओं पर 31 जनवरी तक सुनवाई खत्म करने का आदेश दिया। सीजेआई ने एक बार फिर नाराजगी जताते हुए कहा कि मई में फैसला सुनाने के बावजूद आपने (स्पीकर) अब तक कुछ नहीं किया। स्पीकर का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दिवाली छुट्टी और विधानसभा सत्र होने के कारण हम सुनवाई पूरा करने के लिए और समय की मांग कर रहे हैं। जिस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि दिवाली की छुट्टियों से पहले स्पीकर के पास समय है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने शिवसेना (यूबीटी) यानी उद्धव गुट की तरफ से समय बढ़ाने का विरोध किया था। इस मामले की अगली सुनवाई अब अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में होगी।

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