
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला लेने की समय सीमा बढ़ा दी है। दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) राहुल नार्वेकर ने समय सीमा बढ़ाने का निवेदन किया था, जिससे शीर्ष कोर्ट ने मान लिया। अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई की समय सीमा 10 जनवरी तक बढ़ा दी गई है। शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में स्पीकर राहुल नार्वेकर को थोड़ी राहत मिली है। राहुल नार्वेकर की ओर से तुषार मेहता ने तीन हफ्ते का वक्त मांगा था। लेकिन उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल ने इसका विरोध किया और दलील दी कि स्पीकर समय बर्बाद कर रहे हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल नार्वेकर को अंतिम निर्णय लेने के लिए 10 जनवरी तक का समय दिया है। हालांकि स्पीकर की ओर से 21 जनवरी तक की मोहलत मांगी गयी थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से उनके समक्ष लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक फैसला करने को कहा था। लेकिन अब शीर्ष कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की बात मानते हुए सीएम एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के अन्य विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला सुनाने का समय 10 जनवरी तक बढ़ा दिया है।
बता दें कि इसी साल 30 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को फटकार लगाई थी और 31 दिसंबर की डेडलाइन तय की थी। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि मामले को अगले चुनाव तक लटका नहीं सकते है। स्पीकर सुनवाई नहीं कर सकते तो कोर्ट करेगी। शीर्ष कोर्ट के आदेश के बाद शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के मामले की सुनवाई तेजी से शुरू हुई। हालाँकि, समय पर सुनवाई पूरी नहीं होने की बात कहते हुए नार्वेकर ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। और शिवसेना विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के लिए तीन हफ्ते का और वक्त मांगा। नार्वेकर ने दलील दी है कि इस मामले में 2 लाख 71 हजार से अधिक पन्नों के दस्तावेज दाखिल किए गए हैं। विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। ऐसे में विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए उन्हें और तीन सप्ताह की आवश्यकता पड़ेगी। दरअसल दल बदल कानून का उल्लंघन करने के आरोप में दोनों गुटों ने स्पीकर के पास विधानसभा सदस्यता रद्द करने की याचिका दायर की है।