पुणे। महाराष्ट्र की शैक्षणिक और सांस्कृतिक राजधानी पुणे में फूड डिलिवरी ऐप के जरिए ड्रग्स सप्लाई के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इसमें 5 सुशिक्षित युवाओं को अरेस्ट किया गया है। ये सब उच्च शिक्षित युवा हैं। इनमेंसे 53 लाख रुपए की एलएसडी बरामद हुई है। ये लोग लग्जरी लाइफ जीने के लिए इस धंधे में उतरे थे। फूड डिलिवरी ऐप के जरिए देर रात में भी आसानी से ये ड्रग्स सप्लाई करने में कामयाब हो रहे थे। पुणे पुलिस की कार्रवाई में अब ये पांचों युवक अरेस्ट हो चुके हैं। पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम के एंटी नारकोटिस्क सेल ने कोथरूड इलाके से रोहन दीपक गवई (उम्र 24), बानेर से (मूल रूप से सातारा के रहने वाले) सुशांत काशीनाथ गायकवाड़ (उम्र 36), पिंपल सौदागर से धीरज दीपक लालवाणी (उम्र 24), सनसिटी रोड से दीपक लक्ष्मण गहलोत (उम्र 25) और वाकड से ओंकार रमेश पाटील (उम्र 25) को अरेस्ट किया गया है। इनके पास से एलएसडी 17 ग्राम का पैकेट और अन्य अवैध चीजों के साथ कुल 53.35 लाख का माल जब्त किया गया है।
खास इनपुट के आधार पर ऑनलाइन ड्रग्स सप्लाई करने वालों का भंडाफोड़
कोथरूड और आसपास के इलाकों में एलएसडी ऑनलाइन बेची जा रही है, इस बात का इनपुट पुलिस टीम के कॉन्सटेबल विशाल शिंदे के पास था। उन्होंने जाल बिछाकर रोहन गवई को 90 हजार की एलएसडी के साथ पकड़ा और फिर उसे अरेस्ट कर लिया। उसकी जांच और पूछताछ के बाद बाकी सहयोगियों को भी गिरफ्तार किया जा सका।
कोई इंजीनियर तो कोई एमबीए, सारे के सारे आरोपी पढ़े-लिखे
रोहन गवई एमबीए सेकंड इयर का स्टूडेंट है। सुशांत गायकवाड़ इंजीनियर है। इनके बाकी दोस्त भी उच्च शिक्षित हैं। पार्टी और लग्जरी लाइफ जीने की इच्छा पूरी करने के लिए इन्हें झटपट पैसे कमाने की जरूरत महसूस हुई। यही वजह है कि इन पांचों युवकों का गैंग ऑनलाइन ड्रग्स स्मगलिंग के धंधे से जुड़ाव हुआ। पांंचों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है। इस टोली के मास्टरमाइंड लालवाणी, गहलोत और पाटील हैं, बाकी लोग इनकी मदद किया करते थे। वे वाट्सअप के जरिए फूड डिलिवरी ऐप से ऑर्डर बुक किया करते थे। ऑर्डर बुक करने के बाद वे ड्रग्स के पैकेट डिलिवरी ब्वॉय को दे दिया करते थे। डिलिवरी ब्वॉय को इस बारे में जानकारी नहीं रहा करती थी कि पैकेट में क्या है। वह चुपचाप संबंधित पैकेट्स को टारगेटेड प्लेस तक पहुंचा दिया करता था।