
मुंबई। दिवाली के पावन अवसर पर समाजसेविका और फिल्म प्रोड्यूसर स्मिता ठाकरे ने मुंबई के स्लम क्षेत्रों में बच्चों के बीच पहुंचकर स्कूली बैग वितरित किए। मुक्ति फाउंडेशन के माध्यम से लंबे समय से शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्यरत स्मिता ठाकरे ने कहा कि बच्चों की मुस्कान उनके लिए सबसे बड़ी खुशी है। उन्होंने बच्चों को शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बताया कि पढ़ाई के साथ डांस, नाटक और अभिनय जैसी कलात्मक गतिविधियों में पारंगत होना भी आवश्यक है, क्योंकि यह उनके आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास को मजबूत बनाती हैं। स्मिता ठाकरे ने बताया कि उन्हें यह सामाजिक कार्य करने की प्रेरणा दिवंगत शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे से मिली थी। मुक्ति फाउंडेशन पिछले 28 वर्षों से समाज के कमजोर तबकों के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार और भूखमरी मिटाने जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय है। संस्था की विशेष पहल “आओ भूख मिटाएं” के माध्यम से जरूरतमंदों तक लगातार भोजन पहुंचाया जा रहा है। स्मिता के अनुसार, किसी की भूख मिटाना सबसे बड़ा मानव धर्म है। फिल्म निर्माण क्षेत्र में भी सक्रिय स्मिता ठाकरे हिंदी और मराठी सिनेमा के लिए कई फिल्मों के निर्माण में योगदान दे चुकी हैं। वह वर्तमान में “हसीना मान जाएगी 2” पर कार्यरत हैं। राजनीतिक क्षेत्र से दूर रहते हुए उन्होंने समाज सेवा को ही अपना कर्तव्य और धर्म माना है तथा सामाजिक बदलाव के लिए लगातार समर्पित रूप से कार्य कर रही हैं।




